आज के दिन जहां पूरे देश में महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत मना रही हैं, वहीं हरियाणा के करनाल में ऐसे तीन गांव हैं जहां यह पर्व वर्षों से नहीं मनाया जाता। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने वाली महिला के पति की मृत्यु हो जाती है।
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गांव से जुड़े इतिहास पर गौर करें तो करीब 600 साल पहले ठीक करवाचौथ के दिन हुई एक घटना के कारण ही यहां के लोगों ने इस पर्व को मनाना बंद कर दिया। गांव के लोगों की मानें तो करीब 600 साल पहले राहड़ा की लड़की अमृत की शादी गौदर में हुई थी। करवाचौथ के दिन ही उसके पति की मृत्यु हो गई थी। पति की मृत्यु के बाद अमृत गांव की महिलाओं को करवाचौथ का व्रत न रखने की बात कह कर सती हो गई।
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समय के साथ-साथ आज इस एक गांव के तीन गांव हो गए हैं, परन्तु इन तीनों गांवों में अभी तक यह पर्व नहीं मनाया जाता। इसकी जगह यहां सती माता की पूजा की जाती है।