पहले ट्वंटी 20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज स्टीव स्मिथ के आउट होने पर पूरे मैदान में हुई किरकिरी से नाराज हो कर उन्होंने भारत के उपकप्तान विराट कोहली पर उनका मजाक उड़ाने का आरोप लगाया। इस हार के बाद मैदान में स्टीव स्मिथ की काफी अलोचना भी हुई। बताया जाता है इस मैच के दौरान भारत के द्वारा बनाए 189 रन के लक्ष्य को पार करने के लिए स्मिथ जब मैदान पर उतरे तो वो लगातार कमेंट्रेटर के साथ माइक पर ‘लाइव’ बातचीत करते रहे। वह लगातार प्रसारणकर्ता के सवाल का जवाब दे रहे थे। अपनी बात पूरी करने के तुरंत बाद वह आउट हो गए। बाएं हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा की गेंद पर स्मिथ ने मिडऑफ की ओर बॉल को उड़ाया, जहां पर खड़े विराट कोहली ने बिना कोई गलती किए इस कैच थाम लिया। जिसके बाद कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान की ओर मजाकिया लहजे में यह इशारा किया कि वह लगातार बात कर रहे थे। कोहली का यह इशारा इस बात को इंगित करता है कि वह मैच के दौरान करने वाली बात से असहमत थे। यहां तक कि वहां पर मौजूद प्रशंसकों का भी मानना है कि मैदान पर लगातार हो रही ‘लाइव चैट’ स्मिथ के आउट होने का कारण बनी। जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया 37 रन से हार गया। स्मिथ की इस लाइव बातचीत पर सोशल मीडिया में भी लोगों ने अपना पक्ष रखा। विशेषज्ञों ने कहा कि जब खिलाड़ी खेलता है तो उसका ध्यान सिर्फ अपने खेल की ओर ही होना चाहिये। एकाग्रता के साथ ना खेलने के इस प्रकार के परिणाम भुगतने पड़ते हैं जैसा कि स्मिथ के साथ हुआ। आज की तकनीकी ने खिलाड़ी की एकाग्रता को फायदा कम और नुकसान अधिक पहुंचाया है। ऑस्ट्रेलिया के दमदार बल्लेबाज डेविड वार्नर ने भी इस बात पर अफसोस जताते हुए कहा है खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी एकाग्रता बरकरार रखें।
वहीं, विराट कोहली के इशारे से नाराज ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने सबके सामने कहा कि मैच में उनके आउट होने के बाद इस ‘भावनात्मक’ भारतीय खिलाड़ी का गपियाने जैसा हाव भाव दिखाना गलत था। स्मिथ ने कहा कि ‘‘कोहली मैदान पर बहुत भावुक हो जाता है, क्या ऐसा नहीं है। मुझे नहीं लगता कि किसी के आउट होने पर आपको इस तरह की हरकत करनी चाहिए। मैदान पर थोड़ा बहुत मजाक चलता है लेकिन जब कोई आउट हो जाए तो मेरा मानना है कि तब ऐसा नहीं करना चाहिए। ’’
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वहीं, एसीए को स्मिथ के आउट होने पर किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है, पर वो खिलाड़ियों से इस मुद्दे पर राय लेंगे कि खेल के दौरान किस समय बात की जा सकती है।
एसीए के अध्यक्ष एलिस्टर निकोलसन के अनुसार मैदान में आने के बाद हर खिलाड़ियों की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। खिलाड़ी उस समय हर स्थिति से समझौता करने वाले होते हैं। माइक पहना दिए जाने के बाद उनसे बात करने के लिए एक पूर्व समय निर्धारित किया जाना चाहिये जो उनके लिए अनुकूल रहे। खेल के समय “किसी भी खिलाड़ी के लिए यह समय काफी कठिनाई भरा होता है कि मैच खेलने के दौरान वो पूछे गए सवालों के जवाब भी देता रहे।”