सरकार ने मिड डे मिल का चलन इसलिए शुरू किया ताकि जिन गरीब बच्चों को पूरा पोषण नहीं मिलता है, उनके शरीर को पूरा पोषण मिल सके। देशभर में यह योजना चल रही है, लेकिन झारखंड के एक सरकारी स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले अमित कोड़ा ने ऐसा नहीं किया। उसने मिड डे मिल में मिलने वाले अंडे को खाया नहीं, बल्कि चुराकर अपने घर ले गया। उसका स्कूल से घर अंडा ले जाने का कारण इतना दिल छू लेने वाला है कि इसे जान कर आप भी रो पड़ेंगे।
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दरअसल अमित यह अंड़ा अपने घर अपनी मां सावित्री देवी के लिए लेकर गया। अमित की मां टीबी की मरीज हैं। डॉक्टर ने उन्हें पौष्टिक आहार खाने की सलाह दी है, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से वह पौष्टिक आहार का सेवन नहीं कर पाती थी। मां की हालत में सुधार हो इसलिए अमित हर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मां के लिए इसी तरह अंडे लेकर जाता है।
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9 साल के इस बच्चे की सिर्फ यही इच्छा है कि उसकी मां जल्दी से ठीक हो जाएं, ताकि वह अपनी मां से कभी अलग ना हो। अमित की चार बहनें भी हैं। उसकी मां टीबी की दवा डॉट्स की मदद से ले रही है। डॉक्टर ने भले ही उसे अंडे खाने की सलाह दे दी हो, लेकिन ये गरीब परिवार अंडे लाए तो कैसे? दिन भर के खाने को ही कुछ नहीं हो पाता तो अंडे तो दूर की बात है।