ऐसी बहुत सी जगहों के बारे में आपने सुना ही होगा जिनके बारे में बहुत से लोगों की धारणा यह होती है कि वहां कोई नकारात्मक शक्ति या रूह होती है जो वहां पहुंचने वाले लोगों को परेशान करती है। आज हम आपको एक ऐसी ही हवेली के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिसके बारे में लोगों का कहना है कि वहां पर बहुत सी रेप पीड़ित महिलाओं और बच्चियों की आत्माएं भटकती हैं। आइये जानते हैं इस हवेली में हुए हादसों और इसके इतिहास के बारे में।
30 अक्टूबर 2008 को हॉन्ग-कॉन्ग के एक न्यूज़ पेपर में छपी खबर के अनुसार हाईस्कूल की 8 छात्राएं चीन की ऐतिहासिक ईमारत नाम कू टेरेस में रुकी थीं पर यहां उनके साथ कुछ ऐसा घटा जिसके कारण वो सब बहुत ज्यादा डरी हुई थी। इसलिए उनको हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था और मानसिक चिकित्सक उनकी देखरेख कर रहे थे।
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इस खबर के बाद अस्पताल के बाहर बहुत से लोगों की भीड़ जमा हो गई जो यह जानना चाहती थी कि आखिर उस हवेली के अंदर उन्होंने देखा क्या था। जब लड़कियों को होश आया तो उनसे कई सवाल किये गए और उन सवालों का जो जवाब उन्होंने दिया उसको सुनकर बहुत से लोग हैरान रह गए। एक लड़की ने कहा कि जब हम लोग कू टेरेस के एक कमरे में रात को रुके तो हमें वहां कई लड़कियों की चीखें सुनाई दी थी। वहां पर कई बच्चियों की सिसक कर रोने की आवाज भी आ रही थी। एक दूसरी लड़की ने कहा कि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कोई बच्ची दर्द से कराह रही हो। बाकी सारी लड़कियों के जवाब भी ऐसे ही थे।
कू टेरेस का इतिहास-
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असल में यह एक लाल रंग की पुरानी इमारत है जिसको 1915 से 1925 के मध्य एक शंघाई के व्यापारी ने बनवाया था। इस व्यापारी ने यहां पर सिल्क के कपड़े का कार्य शुरू किया था पर जब जापानी सेना ने हांगकॉन्ग पर कब्ज़ा कर लिया तो इस इमारत को खाली करवा दिया गया और सेना ने यहां पर अपनी छावनी बना डाली। कुछ समय बाद जापानी सेना ने नाम कू टेरेस इमारत को सैनिकों के लिए वैश्यालय बनवा दिया। इसके बाद यहां पर अलग-अलग देशों से छोटी बच्चियों और लड़कियों को पकड़ कर लाया जाता था और यहां पर बंद कर दिया जाता था। जब किसी सैनिक की इच्छा यौन संबंध बनाने की होती थी तो वह अपनी पसंद की लड़की चुनकर जबरन उसके साथ संबंध बनाता था। इस दौरान बहुत सी लड़कियां प्रेग्नेंट होने पर मर जाती थीं या बहुत सी लड़कियां यौन रोगों का शिकार होने पर मर जाती थी। ऐसे में लोगों का मानना है कि उनकी आत्माएं आज भी उस हवेली में भटक रही हैं।