‘लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ आपने सुप्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन कि इस कविता को कई बार सुना होगा, लेकिन इस कविता के बोल जिन हौंसलों और मेहनत को बयां कर रहे हैं उन हौंसलों और मेहनत से जुड़ी एक ऐसे इंसान की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं। जिसके हौंसलों और हिम्मत को गरीबी छू तक नहीं पाई। जन्म उनका बेशक एक गरीब किसान के परिवार में हुआ, लेकिन आज के वक्त में अनका अरबों का बिजनेस है। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट खड़ा करने वाले दुनिया के वो पहले इंसान हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और हिम्मत के बल पर जमीन से आसमान तक की बुलंदियों को छुआ।
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जी हां, हम बात कर रहे हैं जीवीके ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन गुनुपति वेंकट कृष्णा रेड्डी की। जिन्होंने अपनी तमाम तंगियों और गरीबी के बावजूद भी कड़ी मेहनत कर अपने बल पर बिजनेस को शुरू किया। जिसका नतीजा आज सबके सामने है कि उनकी कंपनियों का अब असेट बेस 10,000 करोड़ से भी ज्यादा है। आंध्र प्रदेश के एक पिछड़े से गांव कोथुर में जन्मे कृष्णा रेड्डी का आज के वक्त काफी बड़ी पहचान है। उन्हें ‘जीवीके रेड्डी’ के नाम से काफी जाना जाता है। वह काफी गरीब किसान परिवार से थे। उनके पिता की कमाई पर ही घर चलता था। उनके 6 भाई-बहन थे। उन्होंने सबसे पहले अपने एक अंकल के साथ साल 1950 में कंस्ट्रक्शन की कंपनी में काम को करना शुरू किया था। जिसके बाद वह आगे पढ़ाई करने हॉवर्ड बिजनेस स्कूल को चले गये, लेकिन आज के वक्त में उनकी कंपनी जीवीके देश की टॉप इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में शुमार है।
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हॉवर्ड बिजनेस स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान उन्होंने कुछ साल अमेरिका में भी काम किया था। वह 1991 में अपने देश भारत वापस लौटे। उसके बाद यहां पर अपने बिजनेस को शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले 1992 में आंध्रप्रदेश के जेगुरपाड़ा में पावर प्लांट को शुरू किया था। उसके बाद वह देश के उन बिजनेस मैनों में शुमार हो गए जिनका कारोबार ग्लोबलाइजेशेन के बाद फला-फूला है। इस प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने 817 करोड़ रुपये निवेश किए थे, लेकिन 2006 साल में उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट आया। उस समय उनको मुंबई के एयरपोर्ट को मॉडर्ननाइजेशन करने का काम मिला। जी हां, मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम तो आप सभी ने सुना होगा। उसके टर्मिनल 2 को जीवीके रेड्डी की कंपनी ने ही तैयार किया है।
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उनके इस काम की दुनिया ने सरहाना की थी। इस प्रोजेक्ट ने उनकी कंपनी को आसमान की बुलंदियों पर पहुंचा दिय़ा था। उसके बाद से ही उनकी कंपनी की गिनती देश की टॉप इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में होने लगी। उन्हें साल 2011 में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने पद्मभूषण अवॉर्ड देकर भी सम्मानित किया था।
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बता दें कि आज के वक्त में जीवीके ग्रुप के इनवेस्टमेंट पावर प्लांट्स, होटल, रोड्स प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट्स डेवलपमेंट में हैं। वहीं मुंबई एयरपोर्ट के अलावा जयपुर-किशनगढ़ रोड प्रोजेक्ट, ताज जीवीके फाइव स्टार होटल, 108 एम्बुलेंस सर्विस जैसे कई प्रोजेक्ट भी जीवीके ग्रुप के ही हैं। वहीं खबर ये भी है की दुनिया की सबसे महंगी फ्लाइट जो मुंबई से न्यूयार्क के बीच चलने वाली है। वह भी जीवीके रेड्डी द्वारा किए गए एयरपोर्ट से ही उड़ान भरा करेगी।