कमाठीपुरा, मुंबई का एक फेमस रेड लाइट एरिया है, अभी हाल ही में एक एनजीओ ने कमाठीपुरा से जुड़ी रिपोर्ट को उजागर किया है और कमाठीपुरा के उस कड़वे सच को समाज के सामने लाया है जिससे लोग आज तक अंजान बने हुए थे। इस रिपोर्ट के उजागर होने के कारण इस रेड लाइट एरिया सहित कई और रेड लाइट एरियाओ पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। कमाठीपुरा में उजागर हुआ यह सच इस प्रकार का है जिसने सारी मानवता को शर्मनाक किया है। जानकारी के लिए बता दें की “प्रेरणा” नाम की एक एनजीओ ने यह खुलासा किया है कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल से बहुत सी गरीब महिलाओं को मुंबई में अच्छी नौकरी का लालच देकर लाया जाता है और यहां लाकर उनको नशे का इंजेक्शन और दवाएं दे दी जाती हैं और उसके बाद में उन महिलाओ को जिस्मफरोशी के दलदल में जबरन घकेल दिया जाता है।
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रिपोर्ट के अनुसार जब ये लड़कियां और महिलाएं जिस्मफरोशी के दलदल में उतरने से मना कर देती हैं तो इनकी पिटाई की जाती है और इनको जबरन कमरों में बंद कर दिया जाता है तथा इनको कई कई दिन तक भूखा-प्यासा भी रखा जाता है। आखिरकार जबरन लाई गई महिलाएं और लड़कियां अपने मानसिक और शाररिक दबाव में आकर हां कर देती हैं। इस समय तक इन महिलाओं को नशीली दवाओ की इतनी आदत पड़ चुकी होती है की ये उनके बिना रह नहीं पाती हैं।
सीमापार से भी होती है मानव तस्करी –
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जानकारी के लिए बता दें की भारत और बांग्लादेश की सीमा को पार करा कर के मानव तस्करी का कार्य चलता है। यूएनओडीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है की एशिया में मानव तस्करी का काम बहुत तेजी से फ़ैल रहा है, यहां पर हर साल लगभग डेढ़ लाख लोगों की तस्करी की जाती है। भारत के आंध्रप्रदेश, बिहार,कर्नाटक तथा महाराष्ट्र से अधिक लड़कियां और महिलाएं लाई जाती हैं।