बात शुरू करते हैं कामाख्या मंदिर से। यह मंदिर गुवाहाटी में स्थित है तथा यह 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। बीती 22 जून से 27 जून तक यहां पर एक बड़ा मेला लगा था। इस मेले में भाग लेने के लिए देश दुनिया से बहुत से लोग आये थे। इसी मेले में भाग लेने के लिए वाराणसी से शिवानंद बाबा भी आये थे। ये अपनी उम्र 122 वर्ष बताते हैं लेकिन आज भी ये पूरी तरह स्वस्थ है। आज तक बाबा को कोई बीमारी नहीं हुई। इस बात को लेकर बाबा शिवानंद अक्सर चर्चा में रहते हैं। जब बाबा मेले में आये तो उनको देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ उनके आसपास जमा हो गई।
पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं जन्म तिथि के सबूत –
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आपको बता दें कि शिवानंद बाबा के पास पासपोर्ट तथा आधार कार्ड हैं। ये दोनों दस्तावेज उनकी जन्म तिथि के मुख्य गवाह हैं। इन दोनों में बाबा की जन्म तिथि 8 अगस्त 1896 लिखी हुई है। बाबा बनारस के कबीर नगर में एक आश्रम का संचालन करते हैं। देश और दुनिया में बाबा के बहुत से भक्त हैं। कामाख्या मेले में आने के बाद बाबा ने न सिर्फ अपनी उम्र के बारे में लोगों को बताया बल्कि लंबे समय तक स्वस्थ रहने का राज भी खोला। बाबा ने अपने स्वस्थ रहने के बारे में बताते हुए कहा कि “मेरी इच्छाएं बहुत कम हैं तथा मैं बहुत अनुशासित तरीके से जीवन जीता हूं। मैं साधारण भोजन करता हूं तथा दिनभर में महज 2 बार ही भोजन ग्रहण करता हूं। मेरी सब्जी में न तेल होता और न ही किसी प्रकार के मसाले।”
बाबा करते हैं योग –
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बाबा का कहना है कि “इसी प्रकार के भोजन तथा दिनचर्या के कारण ही मैं आज तक स्वस्थ हूं और आज तक मुझे किसी बीमारी ने नहीं छुया है। बाबा आगे बताते हैं कि मैं सभी इच्छाओं को खत्म कर चुका हूं इसलिए मुझे किसी प्रकार का तनाव नहीं होता। मैं प्रतिदिन सुबह 2 घंटे का ध्यान तथा आधा घंटे योग करता हूं।” शिवानंद बाबा की उम्र को देखकर आज भी लोग हैरान हो जाते हैं। आज भी बाबा इतनी बड़ी उम्र में शीर्षासन कर लेते हैं। बाबा ने योग तथा संतुलित दिनचर्या को ही अपने स्वास्थ्य का मुख्य राज बताया है।