नागपंचमी को आप जानते ही होंगे, वह अभी कुछ दिन पहले ही बीती है और इस दौरान अपने देश के कई स्थानों पर कुछ इस प्रकार के मेले भी लगते होंगे, जिनमें लोग सांपों के साथ में खेलते हैं, इस प्रकार की कई खबर हमने भी आपको नागपंचमी के अवसर पर दी थी पर क्या आपने कभी ऐसी किसी जगह के बारे में सुना है जहां पर नागपंचमी के अवसर पर “बिच्छू मेला” लगता है हालांकि यह बात ही काफी अजीब लगती है क्योंकि नागपंचमी जैसे त्यौहार पर बिच्छू का मेला अपने आप में काफी विषमता को दर्शाता है खैर आज हम आपको बताया रहें हैं इस बिच्छू मेले के बारे में।
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यह मेला कर्नाटक के यादगिर जिले के कांडकूर गांव में “नागपंचमी” के अवसर पर लगता है। इस दौरान पहले यहां पर धार्मिक आयोजन किया जाता है और उसके बाद में नागपंचमी की पूजा सामूहिक रूप से की जाती है और इसके बाद में सभी लोग मेले का आनंद उठाते हैं। इस मेले में यह सबसे अजीब बात है कि मेले में आये सभी लोग अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर किसी भी बिच्छू को बैठा लेते हैं और वह बिच्छू उनके शरीर पर रेंगता रहता है इसलिए ही इस मेले को “बिच्छू मेला” कहा जाता है। किसी भी बिच्छू को लेकर अपने शरीर पर बैठने का कार्य यहां पर सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाये और बच्चे भी करते हैं। ऐसा करने वाले इन सब लोगों का मानना है कि यदि उनको किसी बिच्छू ने काट भी लिया तो “कोंडामाई” उनकी रक्षा करेंगी। यदि किसी व्यक्ति को बिच्छू काट भी लेता है तो ये लोग घाव पर हल्दी का लेप लगा लेते हैं, इन लोगों की मानें तो आज तक कभी कोई यहां पर बिच्छू के काटने से नहीं मरा है।