समाज कितने भी ढोंग कर ले, लेकिन आज भी उसकी मानसिकता बदली नहीं है। इस बात को उत्तर प्रदेश के एक स्कूल ने साबित कर दिया है। यूपी के बागवत में एक बच्चे को स्कूल प्रशासन ने यह कह कर निकाल दिया कि उसका पिता चाय बेचता है। बच्चे का नाम अरिहंत है और वो बरौत स्थित इंगलिश मीडियम स्कूल लॉर्ड महावीर एकेडमी में छठीं कक्षा में पढ़ता था।
स्कूल से निकाल दिए जाने के बाद जब बच्चा घर पर आया तो उसने इस बात की जानकारी अपने माता-पिता को दी। फिर मामला जब बागपत के डीएम के दरबार में पहुंचा तो उन्होंने निर्देश दिए कि इस मामले की जांच जल्द से जल्द शुरू हो।
पढ़ने में होशियार बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना
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अरिहंत के पिता मंगतराय जैन का कहना है कि वो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं। वो चाय बेचकर ही घर का गुजारा और बच्चे की पढ़ाई का खर्च जैसे-तैसे चलाते हैं। पिता का सपना है कि उनका बेटा अरिहंत पढ़ लिखकर डॉक्टर बने। यही कारण है कि वो तंगी के बावजूद अपने बच्चे को इंगलिश मीडियम स्कूल में पढ़ा रहे थे।
आपको बता दें कि अरिहंत पढ़ाई में काफी तेज है। उसके कक्षा 5 के रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक हर एक्टिविटी में उसे एक्सीलेंट और आउटस्टैंडिंग मिला है। उसके पिता का कहना है कि इस रिपोर्ट को देखते हुए स्कूल प्रशासन उनके बच्चे को पढ़ाई में कमजोर नहीं बता सकते हैं।
मामला बच्चे की पढ़ाई और उसके भविष्य से जुड़ा हुआ है इसलिए डीएम ने तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं इस वाकये से पता चलता है कि समाज की सोच में आज भी कोई बदलाव नहीं आया है। जिस देश में एक चाय बेचने वाला शख्स प्रधानमंत्री बन गया, वहीं यूपी के इस स्कूल की हरकत की जितनी निंदा की जाए कम है।