भारतीय राजनीति में संजय गांधी का नाम एक ऐसे युवा नेता के रूप में दर्ज है जिसकी वजह से देश की राजनीति में कई बड़े परिवर्तन हुए। संजय गांधी का जन्म 14 दिसंबर 1946 को दिल्ली में हुआ था। संजय गांधी को एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है जिसने भारत के लोकतंत्र को तानाशाही में बदल दिया था।
अपनी तेज तर्रार शैली और दृढ़ निश्चयी सोच की वजह से देश के युवाओं की पसंद बने संजय गांधी के फैसलों के आगे कई बार तत्कालिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा था। कहा जाता है कि एक समय ऐसा था जब संजय अपनी मां इंदिरा गांधी के सामानांतर अपनी सरकार चलाया करते थे। जिसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने कांग्रेस के कुछ नेताओं और अधिकारियों की दम पर देश की आर्थिक नीतियों और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के फैसलों को प्रभावित करना शुरू कर दिया था। जिसका एक बहुत बड़ा उदाहरण परिवार नियोजन में पुरुष नसबंदी योजना है। इतना ही नहीं, देश के आम आदमी की कार कहलाने वाली मारुति 800 को देश में लाने का श्रेय भी संजय गांधी को ही जाता है।
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संजय गांधी इकलौते ऐसे राजनेता थे जिनके व्यक्तित्व और क्रियाकलापों के बारे में जानने की जिज्ञासा भारतीय जनमानस में अब भी है। फिर भी अभी तक इस बारे में ज्यादा लिखित सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाई है। हालांकि, काफी समय पहले ही इनके जीवन पर आधारित पुस्तक ‘द संजय स्टोरी’ लिखी जा चुकी है। जिसमें संजय के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातों का वर्णन किया गया है। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो 1975 के आपातकाल में संजय गांधी एक ऐसे ताकतवर नेता साबित हुए थे जिसने राष्ट्रीय कांग्रेस के अस्तित्व को बचाने की हिम्मत दिखाई थी। 23 जून 1980 को एक हवाई दुर्घटना में संजय गांधी की मौत हो गई थी। संजय की तेज तर्रार शैली और दृढ़ निश्चयी सोच आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई है।