विमलायशाश्रीजी नामक यह साध्वी 34 सालों से सिर्फ चाय पीकर ही है जीवित, जानें इनके बारे में

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कई साधु सन्यासी ऐसे होते हैं जिनको देखकर आम लोग हैरान रह जाते हैं। आज हम आपको इसी क्रम में एक ऐसी साध्वी से मिलवा रहे हैं जो पिछले 34 वर्षों से महज चाय पीकर ही जीवित है। आपको इस बात को जानकर हैरानी हो सकती है, पर असल में यह बात सही है। वैसे तो सामान्य मानव को जीवित रहने के लिए कम से कम 2 वक्त का खाना और पानी चाहिए ही, पर इस साध्वी के लिए चाय ही वह सब कुछ बन गई है, जो जीवन की सभी चीजों की जरूरतें पूरी कर देती है।

साध्वी विमलायशाश्रीजीImage Source:

आपको हम बता दें की साध्वी विमलायशाश्रीजी जैन धर्म के “श्वेतांबर खरतरगच्छ समुदाय” की साध्वी हैं। ये महज 2 कप चाय प्रतिदिन पीती हैं और इसी पर ये पिछले 34 वर्षों से जीवित हैं। सुबह 8 बजे और दोपहर 12 बजे के समय साध्वी विमलायशाश्रीजी एक एक कप चाय भोजन के रूप में लेती हैं। इस प्रकार से ये दिन में सिर्फ 2 बार ही चाय को पीती हैं। आपको बता दें कि साध्वी विमलायशाश्रीजी वर्तमान में 57 वर्ष की है और इस उम्र में भी वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉक्टर भी अब इस बात को मान गए हैं कि महज 2 कप चाय से उनकी सभी जरूरत पूरी हो जाती हैं। डॉक्टर कहते हैं कि साध्वी के सामान अन्य महिलाओं को प्रतिदिन 1800 कैलरी की जरूरत पड़ती है, पर साध्वी विमलायशाश्रीजी को महज 2 कप चाय से ही 1200-1400 कैलरी मिल जाती है, जो उनके शरीर की जरूरत को पूरा कर देती है। डॉक्टर आगे बताते हैं कि साध्वी को इसलिए भूख नहीं लगती है, क्योंकि लंबे समय तक चाय का सेवन करने से उनकी आंते सिकुड़ चुकी हैं। अखिल भारतीय श्वेतांबर जैन महासंघ के सचिव, योगेंद्र सांड बताते हैं कि उनकी बीमारियां भी स्वयं सही हो जाती हैं। एक दुर्घटना में उनके पैर की हड्डी टूट गई थी जो की अपने आप सही हो गई, इसके अलावा उनको एक बार चिकनगुनिया हो गया था, पर वह भी स्वयं सही हो गया। इस प्रकार से देखा जाए तो यह साध्वी आज लोगों के लिए हैरानी का केंद्र बनी हुई हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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