कहते है कि हर किसी के समय का पहिया घूमता है जिसमें कोई राजा बन जाता है तो कोई रंक और ऐसा ही कुछ हुआ 29 वर्षीय रिजवानुद्दीन मोहम्मद के साथ जो कभी गलियों में आम आदमी की तरह घूमता था वह आज आसमान की ऊंची उड़ान पर है। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं बल्कि हकीकत है, एक रिक्शा चलाने वाला लड़का आज लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाकर फिल्मी स्टार बन चुका है।
रेल नगरी, पश्चिम बंगाल के खड़गपुर नामक स्थान से इस रिक्शाचालक के जीवन की शुरूआत हुई। सात भाई-बहनों में सबसे बड़े रिजवान के ऊपर परिवार को पालने का सबसे बड़ा बोझ था। इसलिए छठी कक्षा तक की पढ़ाई करने के बाद रिजवान ने अपने पिता के साथ चाय की दुकान में काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद ट्रक में काम करने लगा और बाद में अपने मौसेरे भाई के साथ कोलकाता आ गया। जहां पर आकर ड्राइविंग सीखने लेने के बाद किस्मत के साथ न होने के कारण कहीं भी नौकरी नहीं लगी, तो रिक्शा चलाने का काम करने के लिए वापस खड़गपुर लौट आए। किसी कंपनी के द्वारा नौकरी की लालच देकर उन्हें सऊदी अरब भेज दिया, जहां वो ऊंट चराने का काम करने लगे। किसी तरह से पुलिस की मदद से वो वहां से वापस आने में कामयाब हो सकें। देश लौटने के बाद एक बार फिर रिजवान ड्राइवर की नौकरी की तलाश में कोलकाता आ गए। जहां पर इनकी मुलाकात फिल्म निर्माता संबरीश मजूमदार से हुई, इनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर उन्होंने इसे अपनी फिल्म में हीरो बनाने का सबसे बड़ा दांव खेल लिया। जो आगे चलकर सही साबित हुआ।
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अभी हाल में प्रदर्शित हुई रिजवानुद्दीन मोहम्मद की फिल्म ‘टेररिज्म’ पूरे कोलकता के सिनेमाघरों में काफी धूम मचाती हुई लगातार हाउसफुल जा रही है। अब रिजवान अपनी इस बुंलदी को इतने ही तक सीमित नहीं रखना चाहते वो कड़ी मेहनत के साथ और अधिक काम कर रहें हैं, वो गानें के भी शौकिन है। मजूमदार ने उन्हें अपने स्टूडियो में गानो की रिकॉर्डिंग का भी काम सौंप दिया है। फिलहाल आज के समय में अब वो काफी व्यस्त हो चुके है। बांग्ला के कुछ सीरियल्स के अलावा वो हिंदी टेली-फिल्मों में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही कुछ दूसरी बांग्ला भाषा की फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त चल रहे है।