रामायण सीरियल का रावण याद है आपको, जानिए कौन है वह व्यक्ति

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रामानंद सागर के रामायण सीरियल की ऐसी छवि दर्शकों के दिलों में बसी हुई है कि भुलाये नहीं भूलती। आज भी जब कभी उसकी बात चलती है तो उस सीरियल का एक एक पात्र नजर के सामने सजीव हो उठता है। जिस किसी ने भी रामानंद सागर के रामायण सीरियल को देखा है वही इस चीज को अनुभव कर सकता है। आज के बेहतर तकनीक के बावजूद वैसा सीरियल दोबारा नही बन सका है। इसके पीछे असल कारण है उस समय के वे लोग जिन्होंने इस सीरियल में अपने किसी न किसी पात्र को इतनी शिद्दत से निभाया था कि उसकी अमिट छाप आज भी लोगों के दिलोदिमाग पर छाई हुई है।

अरविंद त्रिवेदी ने निभाया था रावण का अभिनय –

अरविंद त्रिवेदी ने निभाया था रावण का अभिनय Image source:

रामायण की बात चलती है तो सबसे पहले राम तथा रावण दो पात्रों की छवि ही लोगों के दिमाग में आती है। रामानंद सागर के रामायण सीरियल में रावण के पात्र का अभिनय भी बहुत दमदार था। आज हम आपको उसी व्यक्ति से मिलवा रहें हैं, जिसने रावण के पात्र का अभिनय किया था। मिलिए इनसे, इनका नाम “अरविंद त्रिवेदी” है। इन्होंने ने ही रावण के पात्र को रामायण सीरियल में सजीव किया था। इनकी गरजती आवाज, बलिष्ठ शरीर तथा बेहतरीन अभिनय की छाप आज भी लोगों को उस समय में जाने पर मजबूर कर देती है। आपको बता दें कि अरविंद त्रिवेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के निवासी है तथा इनका बचपन उज्जैन में बीता है।

इस प्रकार मिला रावण का रोल –

इस प्रकार मिला रावण का रोलImage source:

अरविंद त्रिवेदी के बड़े भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजरात में एक फेमस थियेटर कलाकार थे। उनको देखकर ही अरविंद त्रिवेदी भी अभिनय की दुनिया में आये और कई वर्ष तक थियेटर में अभिनय के गुर सीखें। रामायण सीरियल जब शुरूआती दौर में था तो रामानंद सागर रावण के अभिनय के लिए लोगों का ऑडिशन ले रहें थे। इस पात्र को सजीवता प्रदान करने के लिए उन्होंने करीब 300 लोगों का ऑडिशन लिया था। उसी दौरान अरविंद त्रिवेदी ने भी ऑडिशन में भाग लिया और अपने अभिनय का जौहर दिखाया तो रामानंद ने कहा “यही बनेगा मेरी रामायण का रावण।”

इस प्रकार से अरविंद त्रिवेदी को लंकापति रावण का रोल मिला था। जिसको उन्होंने पूरी शिद्दत से निभाया। रामायण के बाद अरविंद त्रिवेदी ने विश्वामित्र नाम का एक सीरियल भी किया था। इसके बाद 90 के दशक में उन्होंने पर्दे की दुनियां से अपने कदम पीछे हटा लिए और राजनीति में आ पहुंचें। उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा तथा जीता भी। इसके बाद वे समाज सेवा में पूरी तरह समर्पित हो गए। वर्तमान में अरविंद त्रिवेदी तीर्थ यात्रा करने वाले लोगों की सेवा सहायता करते हैं तथा श्रीराम की उपासना में अपना समय व्यतीत कर रहें हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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