देश के अंदर शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस एक अहम रोल अदा करती है। पुलिस को हम उसकी खाकी वर्दी से ही पहचान लेते हैं। पुलिस की पहचान बन गई है यह वर्दी। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है कि आखिर किस कारण से भारत की पुलिस की वर्दी का रंग खाकी रखा गया। दरअसल हर आर्म फोर्स की वर्दी के रंग को एक्सपर्ट की मदद से चुना जाता है। आज हम आपको पुलिस की वर्दी के खाकी रंग के होने के बारे में बता रहे हैं। शायद इन तथ्यों के बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा।
इंडियन पुलिस के लिए हुई परीक्षा-
भारत की पुलिस व्यवस्था के लिए वर्ष 1893 में इंग्लैंड में एक खास परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस एग्जाम में चुने गए अधिकारियों को भारत में प्रोबेशन पीरियड पर तैनात किया गया। जिसके बाद 1907 में अंग्रेजों ने देश में पुलिस का गठन किया। जिसमें इस एग्जाम में चुने गए शीर्ष कैंडिडेट को इंडियन इंपीरियल पुलिस का हिस्सा बनाया गया था।
इस कारण वर्दी का रंग हुआ खाकी-
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अंग्रेजों के समय में पुलिस की वर्दी का रंग सफेद होता था। उस दौरान धूल और मिट्टी के कारण उनकी वर्दी जल्द गंदी हो जाती थी। ऐसे में ब्रिटिश सरकार की पुलिस के सैनिक अपनी ड्रेस पर अलग रंगों की डाई का इस्तेमाल करने लगे। इस समस्या को देखते हुए अंग्रेजों ने खाक नाम की डाई बनायी। इस डाई में धूल और मिट्टी ज्यादा नहीं दिखती थी। जिसके बाद वर्ष 1847 में ब्रिटिश सरकार की ओर से सर हैरी बरनेट लम्सडैन ने आधिकारिक रूप से भारतीय पुलिस की वर्दी को खाकी के रंग में रंगने का फैसला लिया। खाक डाई का इस्तेमाल करने की वजह से इसका नाम खाकी रखा गया था।
दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स-
उत्तर प्रदेश की पुलिस फोर्स को दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स कहा जाता है, लेकिन इस फोर्स में करीब 80 फीसदी जवान अपॉइंट ही नहीं किए गए हैं।