राज कपूर ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काफी समय तक अपना बहुत बड़ा योगदान दिया। कपूर परिवार की हर पीढ़ी ने बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन एक्टिंग के जरिये दर्शकों के दिलों में अपनी विशेष जगह बनाई है। राज कपूर का जन्म पेशावर में हुआ था। यहां उनकी एक पैतृक हवेली थी, जिसे यहां के मालिकों ने काफी हद तक ध्वस्त कर दिया था, लेकिन यहां की खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने समय से मौके पर पहुंच कर इस हवेली को पूरी तरह से ध्वस्त होने से बचा लिया।
इस हवेली को राज कपूर की ऐतिहासिक हवेली के रूप में भी जाना जाता है। यह उनके परिवार की एक कीमती धरोहर है। दरअसल हवेली के मालिक अब इस हवेली को तोड़कर यहां एक प्लाजा बनाना चाहते थे। उन्होंने इस हवेली को पूरी तरह से ध्वस्त कर भी दिया होता, लेकिन तभी खैबर पख्तूनख्वा अधिकारियों ने वक्त पर आकर इस इमारत को पूरी तरह से बर्बाद होने से बचा लिया।
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इस ऐतिहासिक हवेली को गिराने से रोकने के लिए यहां के अभिलेखागार विभाग ने स्थानीय अदालत से स्टे आर्डर प्राप्त कर लिए था, लेकिन जब तक वह लोग इस हवेली को गिरने से बचा पाते तब तक इस इमारत की पहली मंज़िल पूरी तरह से ध्वस्त की जा चुकी थी। यहां तक कि इमारत की दूसरी और तीसरी मंज़िल की खिड़कियां और दरवाजे भी निकाले जा चुके थे।
यह हवेली पेशावर के धाकी मुनव्वर शाह में बनी है। फिलहाल यह जगह उत्तरी पाकिस्तान में है, लेकिन कुछ समय बाद वह इस पैतृक हवेली को छोड़ कर पंजाब आ गए। यहां उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की।
यह पहला मामला नहीं है जब खैबर पख्तूनख्वा सरकार द्वारा किसी ऐतिहासिक हवेली या ईमारत को ध्वस्त करने से रोक गया हो। इससे पहले भी इन्होंने पेशावर में जन्मे दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर को ध्वस्त होने से बचाया था।