भारत ने युद्ध तकनीकि से जुड़े विकास में एक और परचम लहराया है। स्वदेश में विकसित परमाणु क्षमता से लैस व ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल का ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से सफल परीक्षण किया गया है। बताया जाता है कि यह मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम तक विस्फोटक और परमाणु आयुध को ले जाने की क्षमता रखते हुए अपने टार्गेट की दिशा में तेजी से बढ़ती है। पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण सेना ने बालासोर जिले के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण केंद्र से एक मोबाइल लॉन्चर की मदद से किया गया।
सेना के एसएफसी यानी स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड ने नियमित परीक्षण अभ्यास के तहत यह परीक्षण किया। 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल दो लिक्विड इंजनों से संचालित होती है। यह अपने टार्गेट की दिशा में तेजी से बढ़ते हुए आधुनिक दिशा निर्देशन प्रणाली का इस्तेमाल करती है, यानी अगर लक्ष्य स्थिर ना हो कर मूविंग हो तो उसे भी सफलता पूर्वक भेदने में सक्षम है।
सूत्रों की मानें तो इस मिसाइल की फ्लाइंग कैपेसिटी 483 सेकेंड की है और यह अधिकतम 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है। इसके परीक्षण के लिए एकत्रित मिसाइलों में से एक-एक मिसाइल का चयन कर उसका परीक्षण किया गया। इय परीक्षण की पूरी तैयारी एसएफसी ने की। निगरानी का काम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया गया।
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पृथ्वी-2 मिसाइल देश में विकसित ऐसी मिसाइल है जिसमें चूक होने की गुंजाइश ही नहीं बची है। इस मिसाइल में किसी भी एंटी-बैलास्टिक मिसाइल को धोखा दे कर अपने लक्ष्य को भेदने की क्षमता है। आपको बता दें कि पृथ्वी मिसाइल को देश की सशस्त्र सेना में साल 2003 में शामिल किया गया था। उसके बाद से लगातार आधुनिकीकरण और परीक्षण होते रहे हैं। इस मिसाइल का अंतिम सफल परीक्षण बीते साल 26 नवंबर को ओडिशा के इसी परीक्षण केंद्र से किया गया था।