इसमें कोई दो राय नहीं कि सोशल मीडिया आज की युवा पीढ़ी के जीवन का हिस्सा बन चुका है| इसी कड़ी में पिछले कुछ समय से TikTok ऐप ने तहलका मचा रखा था | क्या आप भी टिकटॉक के शौकिन हैं? क्या आपको भी टिकटॉक पर वीडियो बनाने और देखने की लत लग गई है? यदि हां तो अब ये आदत अब आपकी छूटने वाली है। TikTok ऐप पर वीडियो बनाने वालों के लिए यह एक बड़ा झटका लगा है क्योकि गूगल और ऐपल ने अपने-अपने प्लेटफॉर्म से TikTok ऐप का हटा दिया है यानी अब भारतीय लोग इस ऐप को डाउनलोड नहीं कर सकेंगे। इस ऐप को हटाने की सबसे बड़ा कारण अश्लील विडियो के प्रचार पर रोक लगाना है और यह ऐप बच्चों पर बुरा असर डालने का काम कर रहा था।
पर क्या आप जानते है कि टिक टॉक ऐप दुनिया भर में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाला ऐप है। और भारत के करीब 8 करोड़ यूजर्स इस एप से जुड़कर इसका लाभ उठा रहे थे। लेकिन इसके बंद होने से ( उन लोगों का जो TikTok पर वीडियो बनाते थे) उनका करियर खत्म हो चुका है। आज हम आपसे बात करेंगे कि टिक टॉक ऐप के बैन होने से भारत को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है तो जानें भारत के 5 बड़े नुकसान के बारें में..
1# सरकार का बुर्जुआ कदम
इस कड़े फैसले के बाद से ये नये उभरते सितारों का करियर पूरी तरह से समाप्त हो गया है क्योकि जो लोग दिन भर टिक-टॉक पर वीडियो बनाकर अपडेट करने के बाद मिलने वाले लाइक्स के साथ बने वीडियोज़ को व्हाट्सअप, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डालकर कर विदेशी मुद्रा हासिल करते थे। अब उनका यह आसरा भी खत्म हो जायेगा।
2# प्रतिभा पलायन
टिक टॉक ऐप के भारत में 11 से 12 करोड़ यूज़र्स है जिसके बंद होने के बाद से उनके यूजर्स चीन की तरफ चले जाऐगें। जिसके बाद से मोदी जी के मेड इन इंडिया को एक बड़ा झटका लग रहा है।
3# जॉबलेस इकॉनमी
टिक टॉक ऐप के बंद होने से बेरोजगारों की संख्या बढ़ जायेगी। जहां लोग घर बैठे विडियो बनाकर अपना खर्चा असानी से उठा लेते थे । अब रोजगार के लिये दर दर भटकना होगा। भारत सरकार की अर्थव्यवस्थ डगमागाने लगेगी।
4# डीमॉनेटाईज़ेशन 2.0
मोदी जी की नोटबंदी के समय भी इतनी बड़ी आफत नही आई थी जो TikTok ने बंद करने के बाद शुरू हो गई। अब चुनाव का समय है तो सरकार को चाहिये कि इतनी बड़ी नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर जनता को खुश रखने की कोशिश करें। अब आप लोग ही बताइये, सरकार को ये कदम उठाना चाहिये या नहीं!
5# धरना-प्रदर्शनों में बढ़ोतरी
देश में चुनाव के लिये नेता बड़ी बड़ी रैलीयां निकाल रहे है। और उसमें अचानक हुई 12 करोड़ बेरोजगार जनता अपनी अवाज को उठाने के चलते यदि सड़को पर धरना देने लगें। तो फिर ये पुलिस प्रशासन के लिए खतरे की घंटी बज सकती है।, क्योंकि दोनों चीजों को मैनेज करना उन्ही का काम होता है। यदि आप चाहे तो इसे भी एक बड़ा मुद्दा बना सकते है।