बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली पार्लियामेंट्री कमेटी ने सांसदों की सैलरी और अलाउंस में 100 प्रतिशत बढ़ोत्तरी को लेकर पीएम से सिफारिश की, लेकिन पीएम मोदी को सांसदों की ये सिफारिश नागवार गुजरी। मोदी ने ऐतराज जताते हुए कहा कि सैलरी का फैसला सांसद खुद ना तय करें। एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि सांसदों की सैलरी का फैसला पे कमीशन या उस जैसी कोई बॉडी ले और वह समय के साथ-साथ बढ़ोत्तरी करती रहे।
Image Source :http://www.deshabhimani.com/
पीएम मोदी ने सुझाव के तौर पर कहा कि सांसदों की सैलरी राष्ट्रपति, कैबिनेट सेक्रेटरी या फिर उपराष्ट्रपति जैसे पदों की सैलेरी में होने वाली बढ़ोत्तरी के साथ जोड़ देनी। वहीं सांसदों का कहना है कि महंगाई और खर्च के कारण उनकी सैलरी में बढ़ोत्तरी होना जरूरी है। आपको बता दें कि ये मुद्दा राज्यसभा में सपा के नेता नरेश अग्रवाल ने उठाया था। कुछ सांसदों का मानना है कि उनकी सैलरी कैबिनेट सेक्रेटरी से भी ज्यादा होनी चाहिए। सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली पार्लियामेंट्री कमेटी ने सांसदों की सैलरी 50 हजार से 1 लाख रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की है। इसी के साथ सांसद चाहते हैं कि उनका कॉन्स्टिट्यून्सी अलाउंस 45 हजार से लेकर 90 हजार तक हो जाए।