वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट (डब्लूडब्लूई) में भारत का परचम लहराने वाले खली आज दुनिया भर में पूरी तरह मशहूर हो चुके हैं। डब्लूडब्लूई के कई बड़े दिग्गज पहलवानों के पसीने छुड़ाने वाले खली रेसलिंग की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। वह भारत के इकलौते रेसलर हैं जो विदेश की धरती पर डब्लूडब्लूई में जगह बना पाए। डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में दुनिया के दिग्गज पहलवान अंडरटेकर कैन, जॉन सिना, बतिस्ता, बिग शो को घुटने टेकने पर खली ने मजबूर कर दिया। खली न सिर्फ रेसलिंग रिंग बल्कि हॉलीवुड और बॉलीवुड की फिल्मों में भी अदाकारी कर चुके हैं। इन दिनों खली अपनी नन्हीं बेटी के संग नजर आ रहे हैं। खली की पत्नी भी अपनी बेटी को रेसलर बनाना चाहती हैं।
खली से जुड़ी कई रोचक जानकारियां और भी हैं।
भारत के इकलौते वर्ल्ड हैवीवेट चैम्पियन द ग्रेट खली अपने 7 फिट एक इंच की लम्बाई और 157 किलोग्राम के लिए भी जाने जाते हैं। रिंग में अगर कोई पहलवान उनकी पकड़ में एक बार आ गया तो फिर उसका निकलना मुश्किल ही होता था।
हिमांचल प्रदेश के एक छोटे से गांव धिराना में 27 अगस्त 1972 को द ग्रेट खली का जन्म हुआ। पहले से ही उन्हें द ग्रेट खली नहीं कहा जाता था। ये नाम तो उन्हें डब्लूडब्लूई की दुनिया में आने के बाद मिला। बचपन में उनका नाम दलीप सिंह राणा था। कुछ लोगों की सहायता से ही उन्हें सही दिशा मिल सकी। जिससे वो विश्व स्तर पर अपना नाम बना सकें। अपने गांव में रहते हुए कभी खली रोड परियोजना के लिए पत्थर तोड़ने का काम किया करते थे। तभी एक पुलिस अधिकारी की नजर में आने के बाद उन्होंने एएसआई के रूप में पंजाब पुलिस ज्वाइन की, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
जापान से हुई विश्व कुश्ती में जाने की शुरूआत-
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भारत में भी कुश्ती से जुड़े होने के कारण खली को विदेश के बड़े पहलवान बेहद पसंद थे। एक बार खली अपने दोस्त अमित स्वामी के साथ दिल्ली एयरपोर्ट अपने पसंदीदा पहलवान डोरियन येट्स से मिलने पहुंचे। येट्स ने उन्हें जापान आकर प्रोफेशनल कुश्ती के गुर सीखने की सलाह दी। जिसके बाद दलीप सिंह राणा जापान पहुंचे और डब्लूडब्लूई में बतौर खली बनकर उतर गए।
डब्लूडब्लूई के लिए तैयार कर रहे भारतीय पहलवान-
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डब्लूडब्लूई से वापस भारत आने के बाद खली ने जालंधर में एक एकेडमी खोली है। जहां पर वो देशी पहलवानों को विदेशों में होने वाली कुश्तियों के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रदान कर रहे हैं। उनका इरादा डब्लूडब्लूई की तर्ज पर भारत में सीडब्लूई यानी कॉन्टीनेंटल रेसलिंग इंटरटेनमेंट नाम की लीग शुरू करने का है। खली ने अपनी एकेडमी का भी यही नाम दिया है। उनका लक्ष्य है एक साल में तीन पहलवानों को डब्लूडब्लूई के लिए भेजना।
पाकिस्तान के पहलवान का चैलेंज स्वीकार किया-
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खली ने कहा था कि वह भारत और पाकिस्तान के पहलवानों को कुश्ती के मुकाबलों में देखना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले महीने शेर-ए-पंजाब खिताब जीत चुके पंजाब के गामा पहलवान के वंशज बशीर ने कहा कि दुनिया में खली जहां चाहें मैं कुश्ती करने को तैयार हूं। इस पर खली ने कहा कि मैं पहले इस पाकिस्तानी पहलवान को भारत में मेरे अन्य पहलवान भाइयों से मुकाबला करने की सलाह दूंगा लेकिन यदि वह मुझसे लड़ना चाहता है तो कभी भी अमेरिका या दुनिया में कहीं भी आ सकता है।
खली की पत्नी अपनी बेटी को बनाना चाहती हैं रेसलर-
खली की पत्नी हरपिंदर कौर की फोटो भी अब सोशल साइट पर आने लगी है। एक कार्यक्रम में खली की पत्नी हरपिंदर कौर और उनकी बेटी अवलीन राणा पहली बार उनके साथ दिखाई दी। इस कार्यक्रम में हरपिंदर ने कहा कि मैं चाहती हूं कि बेटी अवलीन भी पिता की तरह रेसलर बनें।