जरूरत व्यक्ति को बहुत कुछ करने के लिए मजबूर कर देती है। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बता रहे हैं जिसे अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए रोज मौत का सामना करना पड़ता है। इस व्यक्ति का नाम है प्रवीण। प्रवीण नाम का यह लड़का अभी सिर्फ 25 वर्ष का है और ये सिर्फ 6000 रुपए के लिए रोज करीब 90 जहरीले सांपों का सामना करता है।
असल में प्रवीण का कार्य औरंगाबाद के चिड़ियाघर में सांपों के लिए बनाये गए कक्षों की सफाई का है। प्रवीण रोज जिन सांपों का कार्य करता है उनमें से 50 सांप बहुत जहरीले हैं। इसके अलावा प्रवीण इन सांपों को दिन में दो बार खाना देता है और इनको गर्मी से बचाने के लिए इन पर पानी का छिड़काव भी करता है।
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इस चिड़ियाघर की बात करें तो यह नगर निगम के अधिकार में आता है पर निगम ने न तो प्रवीण का कोई जीवन बीमा कराया हुआ है और न ही उसको सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाये हैं। प्रवीण को यह नौकरी भी अनुबंध के आधार पर दी गई है। प्रवीण के परिवार में उसकी पत्नी और 11 माह का एक बेटा है। प्रवीण इस खतरनाक कार्य को सिर्फ एक छड़ी और गम बूट पहन कर ही करता है। वह कहता है कि मैं दस्ताने नहीं पहनता हूं ताकि अपना काम आसानी से कर सकूं। प्रवीण ने बताया कि 2006 में उसको एक कोबरा सांप ने डस लिया था। तब वह निकट के एक गांव में कोबरा सांप पकड़ रहा था और इसके बाद उसका दो दिन तक अस्पताल में उपचार चला।
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असल में चिड़ियाघर के कार्यों के लिए ओरंगाबाद नगरपालिका निजी कंपनियों को ही अनुबंध के आधार पर ठेका देती है। आवंटन के समय नगरपालिका एक बॉन्ड पर दस्तखत लेती है जिसमें किसी भी अप्रिय घटना होने पर जिम्मेदार खुद के ही होने की शपथ होती है।