इस टेलीफोन बूथ से लोग करते हैं अपने मृत परिजनों से बातचीत, जानिए इसके बारे में

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वैसे तो आज मोबाइल का जमाना है, पर आपने बीते वर्षों में टेलीफोन बूथ जरूर देखें होंगे। आज हम आपको जिस टेलीफोन बूथ के बारे में जानकारी दे रहें हैं वहां से लोग अपने मृत परिजनों से बात करते हैं। जी हां, यही इस अनोखे टेलीफोन बूथ की खासियत है कि यहां लोग अपने मृत परिजनों से बातचीत करते हैं। दुनिया के बारे में प्राचीन काल से कहा जाता रहा है कि यह ईश्वर की बनाई दुनिया है। यदि हम ईश्वर पर विश्वास करते हैं तो हमें शैतान पर भी विश्वास करना ही पड़ेगा।

आज के समय में वैसे तो लोग भूत प्रेत या आत्मा जैसी चीजों पर विश्वास नहीं करते हैं, पर यदि हम जीवित लोगों पर विश्वास करते हैं तो आत्मा के अस्तित्व पर भी हमें विश्वास करना ही होगा। आज हम आपको जिस टेलीफोन बूथ के बारे में जानकारी दे रहें हैं वह भी मृत आत्माओं से जुड़ा है। हमारे जीवन में कोई न कोई ऐसा जरूर होता है जिसको हम लोग खोना नहीं चाहते हैं और यदि हम उसको खो चुके होते हैं, तब हम लोगों का उससे बातचीत करने का मन अवश्य करता है। इस प्रकार की इच्छा जिन लोगों के मन में होती है वही लोग जापान के इस सफेद टेलीफोन बूथ के पास में खींचे चले आते हैं।

people talk to their loved ones who are already dead at this telephone boothimage source:

आपको हम बता दें कि यह टेलीफोन बूथ जापान के ओत्‍सुची शहर में प्रशांत महासागर के पास में स्थित है। इस टेलीफोन बूथ पर एक छोटा बच्चा प्रतिदिन आता है तथा यहां आकर अपने दादा जी से रोज बातचीत करता है। आपको हम बता दें कि 2015 में आई जापान की सुनामी में इस बच्चे के दादा की मौत हो गई थी। इस टेलीफोन बूथ को इतारु सासाकी नामक एक व्यक्ति ने अपने भाई की याद में लगवाया था। जब भी इतारु सासाकी को अपने भाई की याद आती थी, वह इस टेलीफोन बूथ पर आकर अपने भाई से बात करने के अंदाज में फुसफुसाते थे।

यह बात जैसे ही अन्य इलाकों में फैली, लोग यहां अपने मृत परिजनों से बात करने के लिए आने लगें। आपको हम बता दें कि अब तक करीब 10 हजार से ज्यादा लोग इस टेलीफोन बूथ पर अपने मृत परिजनों से बात करने के लिए आ चुके हैं तथा कई लोगों ने अपने और मृत परिजनों के मध्य होने वाली बातचीत का दावा किया है। इस प्रकार से यह टेलीफोन बूथ कोई आम बूथ न रह कर मृत लोगों से बातचीत करने का एक जरिया बन चुका है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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