अपने देश में क्रिकेट को एक तरह से पूजा जाता है, पर एक स्थान ऐसा भी स्थान है जहां के लोग क्रिकेट खेल कर अपने झगड़ों को खत्म करते हैं। आज हम आपको इस स्थान के बारे में ही जानकारी दे रहें हैं। हम बात कर रहें हैं न्यू गिनी के ट्रोबिएंड आईलैंड की। इस स्थान पर ट्रोबिएंड जनजाति के लोग रहते हैं। इन जनजाति की परंपराएं तथा विश्वास आम लोगों से काफी भिन्न हैं। हम लोग क्रिकेट को मनोरंजन के लिए खेलते हैं, पर ये लोग आपसी झगड़ों को मिटाने के लिए क्रिकेट का उपयोग किया करते हैं। जैसा कि आप जानते ही हैं कि दुनिया भर में बहुत सी आदिवासी जनजातिया हैं और प्रत्येक जनजाति के अपने नियम, कायदे तथा परंपराएं भी अलग-अलग ही होती हैं। ऐसी यह ट्रोबिएंड जनजाति है जिसमें लोगो के विशवास तथा मान्यताएं सामान्य लोगों के समाज से भिन्न हैं।
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इस जनजाति की एक खासियत यह है कि जब कभी भी इस जनजाति के लोगों में आपसी झगड़ा हो जाता है, तब ये एक दूसरे से लड़ते नहीं है बल्कि क्रिकेट खेल कर फैसला कर लेता हैं। क्रिकेट के इस खेल में इन लोगों की महिलाएं भी भाग लेती हैं तथा क्रिकेट खेलती हैं। आपको हम जानकारी के लिए बता दें कि 1793 में इस जनजाति को वेस्ट ने खोजा था। 1894 में यह स्थान उस समय प्रकाश में आया जब इस स्थान पर मिशनरी पहुंचे। तब से इस स्थान को “पापुआ न्यू गिनी” के नाम से जाना जानें लगा।
आपको हम यह भी बता दें कि ग्रीनलैंड के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। इसकी एक खासियत यह भी है कि यहां पर आम लोगों वाली करेंसी नहीं चलती है, बल्कि यहां करेंसी एक नाम पर लोग “केले के पत्तों” का प्रयोग किया करते हैं। ये लोग बच्चों का पैदा होना एक चमत्कार मानते हैं और अपने हिसाब से ये एक दूसरे की बीवियां भी बदल लेते हैं।