आपने भारत के बहुत से शहर घूमें होंगे पर आज हम आपको जिस शहर के बारे में यहां बता रहें हैं वहां पर लोग कूड़ा बेचकर कमाई करते हैं और इसी के चलते यह शहर भारत का सबसे साफ़ शहर बन चुका है। आज के दौर में जनता को लुभाने के लिए और अपने लिए वोट बैंक बनाने के लिए हर नेता हाथ में झाड़ू लिए सफाई की बात करता आपको मिल जायेगा पर जब बात असल में करने की आती है तब सभी लोग गायब हो जाते हैं। यही कारण है कि भारत के बहुत से शहरों में स्थान स्थान पर आप कूड़े कबाड़े के ढेर लगे हुए देख सकते हो पर आपको बता दें कि अपने देश में एक ऐसा शहर है जो अपनी सफाई के लिए जाना जाता है। इस शहर की सफाई को देख कर इसको भारत का सबसे साफ़ शहर का दर्जा दिया गया है। आपको हम बता दें की भारत के सबसे साफ़ इस शहर का नाम “मैसूर” है।
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आपको बता दें कि मैसूर के शहर कुंबर कोप्पल के लोग कूड़े से कमाई भी करने लगें हैं। यहां के लोग जीरो वेस्ट प्लांट की देख रेख करते हैं। सही बात यह है की कुंबर कोप्पल में रहने वाले लोगों की मुख्य आय कूड़े से ही निकलती है। कुंबर कोप्पल से प्रतिदिन 200 घरों से सूखा तथा गीला कूड़ा इकठ्ठा किया जाता है तथा उसको वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में दे दिया जाता है। यहां पर इस कूड़े से खाद को तैयार किया जाता है। इकठ्ठा किये गए गीले कूड़े को किसानों को बेचा जाता है जो की खेतों में इसका उपयोग उर्वरक के रूप में करते हैं। दूसरी और सूखे कूड़े से प्राप्त हुई प्लास्टिक या कांच आदि के सामानों को बेच कर इसके पैसे को कूड़ा इकठ्ठा करने वाले लोगों में बांट दिया जाता है। कूड़ा इकठ्ठा करने वाले लोगों को रहने के लिए घर आदि की सुविधाएं दी जाती हैं। मैसूर के इस शहर में रहने वाली स्त्रियों का भी इस सफाई के कार्य में बहुत बड़ा योगदान है। ये स्त्रियां ग्रुप बनाकर सफाई का कार्य करती हैं तथा अन्य सभी लोगों को भी सफाई के लिए जागरूक करती हैं। इस प्रकार से सभी लोग आपस में मिलकर सफाई का कार्य करते हैं। यही कारण है की मैसूर का शहर कुंबर कोप्पल भारत का सबसे साफ़ सुथरा शहर बन गया है।