आने वाले शुक्रवार यानि 19 अप्रैल को देश भर में हनुमान जयंती मनाई जाएगी | लोग सारे कष्टों को हरने वाले बजरंग बली को याद कर उनकी पूजा करते है जिससे सारे संकट पल भर में ही दूर हो जाते है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी आज भी कलयुग की धरती पर हमारे बीच रहते है। तभी तो उनकी शक्ति को पाने के लिये हर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा की गूंज सुनने को मिलती है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में ही एक ऐसा गांव है, जो हनुमान जी की भक्ति से कोसो दूर रहता है। यहां के लोगों को हनुमान जी की पूजा करने की अनुमति नहीं है। ऐसा क्यों होता है आइये जानते हैं इसके पीछे छिपा कारणों के बारे में..
उत्तराखण्ड के चमोली जिले का द्रोणागिरी नामक गांव 14000 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां वही पर्वत था जिसकी गाथा रामायण काल के समय से मिलती है। इसी जगह पर आकर हनुमानजी ने संजीवनी बूटी के लिए पूरा पर्वत ही उठा ले गए थे।
कहा जाता है कि श्री हनुमान ने मूर्छित लक्ष्मण के उपचार के लिए जिस पहाड़ को वो उठाकर ले गए थे उस समय इस पर्वत की वहां के लोग पूजा करते थे। और इसी पर्वत को ले जाने का कारण यहां के रहवासियों को काफी गुस्सा आया। और इसी बात से नराज होकर वहा के रहवासियों ने तब से लेकर आज तक हनुमान जी की पूजा नही की। इसके साथ ही इस गांव में हनुमानजी का प्रतीक लाल झंडा भी लगाने की मनाही है। इस जिले में एक दिन एक विशेष पूजा होती है जब पुरूष महिलाओं के हाथ का दिया खाना नहीं खाते हैं।