अक्सर लोग ये ही मानते हैं कि महिलाएं शान्त स्वभाव की होती हैं। वो जल्दी गुस्सा नहीं होती हैं, लेकिन जब उन्हें गुस्सा आता है तो अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं। कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश के सिंगरौली इलाके में भी हुआ, जहां एक सरकारी योजना में फर्जीवाड़ा देख महिला अधिकारी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। महिला अधिकारी के लेडी सिंघम अवतार लेने के बाद पंचायत सचिव को उनके सामने उठक-बैठक तक करनी पड़ी।
अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि इस महिला अधिकारी को लेडी सिंघम का अवतार लेना पड़ा तो हम आपको बता दें कि हर घर शौचालय मुहिम के अन्तर्गत हर गांव के पंचायत सचिव को यह निर्देश दिए गए थे कि वो अपने गांव में शौचालयों का निर्माण कराएं तथा उसके बाद जिला पंचायत को सूचित करें। जिला पंचायत की सीईओ निधि निवेदिता अपने जिले में लागू हुई हर घर शौचालय मुहिम की जांच कर रही थीं। इस दौरान उन्हें जब योजना से संबंधित तस्वीरें मिली तो उसे देखकर उन्हें इस बात की शंका होने लगी कि यह तस्वीरें असली नहीं हैं। जिसके बाद वो स्वयं इस योजना का निरीक्षण करने पहुंची। जब वो गांव में पहुंची तो जिस बात की उन्हें शंका थी वह सही साबित हुई।
जब सीईओ निधि निवेदिता ने सख्ती दिखाई तो सचिव सुरेश सिंह ने यह बात मान ली कि सभी तस्वीरों को फोटोशॉप से तैयार किया गया है। जिसके बाद सीईओ ने पंचायत सचिव सुरेश सिंह को सजा के रूप में सभी लोगों के सामने उठक-बैठक करने के लिए कहा।
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इस विषय पर जानकारी देते हुए निधि निवेदिता ने बताया कि इस तरह सबके सामने सजा देने यह लोग गलती करने से पहले सोचेंगे। वैसे यह कोई पहला मामला नहीं था जब निधि निवेदिता ने इस तरह से सख्ती दिखाते हुए किसी को सबसे सामने सजा दी हो। इससे पहले भी वह अपने काम के प्रति काफी सख्त रह चुकी हैं।