9/11 हमले का गुनाहगार नहीं था ओसामा, उसकी मां ने किये ये खुलासे

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9/11 के हमले को अब तक 17 बीत चुके हैं। इस हमले के बाद अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मार दिया था। इस मुद्दे पर अभी तक सभी खामोश थे लेकिन अब ओसामा की मां ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए उसको बेगुनाह बताया है। ओसामा की मां ने और भी कई खुलासे किये हैं। जिनके बारे में आज हम आपको यहां बता रहें हैं।

गलत लोगों ने किया था उसका ब्रेनवॉश –

गलत लोगों ने किया था उसका ब्रेनवॉशImage source:

ओसामा बिन लादेन की मां आलिया घानेम ने मीडिया से ओसामा पर बातचीत में उसके कई राज खोले। उन्होंने बताया की वह बचपन में एक अच्छा बच्चा था। स्कूल के दिनों तक वह एक अच्छा विद्यार्थी भी रहा लेकिन कॉलेज के दिनों में उसकी मुलाकात गलत लोगो से हो गई। उन लोगों ने ही उसका ब्रेनवॉश कर दिया था। जिसके कारण वह आतंकी बन बैठा।

इस प्रकार बना आतंकवादी –

इस प्रकार बना आतंकवादी Image source:

ओसामा बिन लादेन की मां आलिया घानेम ने उसके आतंकी बनने के बारे में बताते हुए कहा की “जब वह 20 वर्ष का हुआ तब उसने जेद्दा की किंग अब्दुल्लाजीज यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। वहीं पर उसकी मुलाक़ात ऐसे लोगों से हुई हो “मुस्लिम ब्रदरहुड” नामक एक प्रतिबंधित आतंकी संघठन के लोग थे। उन्ही लोगों में से एक “अब्दुल्ला अजाम” नामक व्यक्ति था। जो इस संघठन का कार्यकर्ता था। उसको सऊदी से निर्वासित कर दिया गया था। उसने ही लादेन को कट्टरपंथी बनाया और आतंक की राह पर चला दिया। मैंने लादेन से ऐसे लोगों से मिलने जुलने से मना कर दिया था। लेकिन वह अजाम से बहुत प्रभावित हो चुका था और उसको धर्मगुरु मानने लगा था।”

“आंतकी ओसामा” के बारे में जानकर हुआ था दुःख –

"आंतकी ओसामा" के बारे में जानकर हुआ था दुःख Image source:

ओसामा बिन लादेन की मां आलिया घानेम का कहना है की “शुरुआत में ओसामा की और से उनको जो कुछ भी मिलता था। उसको देखकर उनको ख़ुशी होजति थी। बाद में वह अफगानिस्तान चला गया। वहां वह रूस के कब्जे बाले एक भाग में युद्ध करने के लिए गया था। उस समय तक सऊदी सरकार से हमारे अच्छे रिश्ते थे। बाद जब पता लगा की वह जिहादी बन गया है तो सभी लोगों को दुःख हुआ था। उसने एक पल में सभी कुछ ख़त्म कर दिया था।” ओसामा बिन लादेन के सौतेले भाई का कहना है की 9/11 के हमले के 48 घंटे के भीतर हम जान गए थे की यह ओसामा का ही काम है लेकिन मां उसको बचपन की तरह ही प्यार करती थीं इसलिए वह उस समय इस बात को मानने को राजी ही नहीं थीं।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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