वैसे तो मंदिर का प्रसाद खाने के काम में ही प्रयोग किया जाता है, लेकिन यहां आप जानिए एक ऐसे मंदिर के बारे में जिसके प्रसाद को आप खा नहीं सकते हैं, यहां का प्रसाद आपके दर्द और चर्म रोगों को करता है ठीक। जी हां, आज हम आपको बता रहें हैं एक ऐसे मंदिर के बारे जहां का प्रसाद आपके जोड़ो के दर्द सही करने के साथ ही आपके त्वचा संबंधी रोगों को भी दूर करता है। आइए जानते हैं इस मंदिर बारे में।
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आपके शरीर की बीमारियों को ठीक करने वाले इस मंदिर का नाम “शक्तिपीठ मां बज्रेश्वरी मंदिर” है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित है। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां के प्रसाद को आप खाते नहीं हैं, क्योंकि यह प्रसाद खाने के लिए नहीं, बल्कि आपके शरीर की बीमारियों को सही करने के काम में आता हैं। इस प्रसाद से संबंधित पौराणिक कथा यह है कि जब देवी दुर्गा ने जालंधर दैत्य को मार दिया था, तो वे भी उस युद्ध में घायल हुई थी और उनके घावों को सही करने के लिए ही देवताओं में देवी दुर्गा पर घृत यानी मक्खन का लेप किया था। वर्तमान में भी देवी के मंदिर स्थित इस पिंडी पर 101 किलो घी को देवी की पिंडी पर चढ़ाया जाता है। देवी के इस पिंडी पर वर्तमान में घृत का पर्वत बन जाता है ओर इसकी ऊंचाई निरंतर बढ़ती जा रही है, इस वर्ष भी श्रद्धालुओं द्वारा 18 क्विंटल घी चढ़ाया था। सात दिन का यह पर्व होता है और सात दिन तक निरंतर देवी दुर्गा की पिंडी पर घृत चढ़ाने की प्रक्रिया चलती रहती है और सात दिन के बाद में मंदिर स्थित देवी की पिंडी से घृत को उतारने की प्रक्रिया शुरू होती है। घृत को उतार कर इसको मंदिर में आए सभी भक्तों को दे दिया जाता है। माना जाता है कि इस प्रसाद रूपी घृत से जोड़ो के दर्द तथा त्वचा संबंधित सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।