भले ही आप इस बात पर विश्वास करें या फिर नहीं, लेकिन सार्डिन मछली का नाम अब पीएम मोदी से जुड़ चुका है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह मछलियां गुजरात के तट से आती हैं। कर्नाटक के मंगलुरु जिले में सार्डिन मछली इतनी कम मिलती है कि इन्हें अब गुजरात से मंगाना पड़ता है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2014 में इसकी शुरूआत की गई थी।
मछुआरों के संगठन के मुताबिक इन मछलियों के गुजरात से आने के कारण स्थानीय भाषा में इन्हें मोदी भुटाई के नाम से पुकारना शुरू कर दिया। यह मछलियां सार्डिन मछली से आकार में दो इंच बड़ी होती हैं। यह मछलियां खाने में काफी स्वादिष्ट होती हैं।
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वहीं कर्नाटक में मछुआरों के एक संघ ने बताया कि स्थानीय सार्डिन मछली, जिसकी कीमत 60 से 70 रुपए प्रति किलोग्राम है उसे लेते समय उसमें सिर्फ 6 से 7 टुकड़े निकलते हैं, तो वहीं बाहर से आई मछली जो कि 100 से 110 रुपए में प्रति किलो मिलती है उसमें 20 से 25 टुकड़े होते हैं। यही कारण है कि लोग ओमान से आई मछली ही लेना पसंद करते हैं।
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स्थानीय लोगों के अनुसार तटों पर सार्डिन मछली काफी कम बिकती है क्योंकि आस-पास के कई निवासी मछली पकड़ने के काम में ही लगे हुए हैं। इसके अलावा मछली का सीजन खत्म होने पर स्थानीय सार्डिन को पॉल्ट्री में चारे के रूप में और तेल निकालने के मकसद से बेचा जाता है।