राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक दक्षिणपंथी स्वयंसेवक, हिंदू राष्ट्रवादी, गैर सरकारी संगठन है। यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वैच्छिक गैर सरकारी संगठन है। आरएसएस अपनी विचारधारा के लिए नि:स्वार्थ सेवा के सिद्धांत पर आधारित है।
Image Source: http://samvada.org/
संक्षिप्त नाम – आरएसएस
गठन -(90 साल पहले) 27 सितंबर 1925
संस्थापक – डॉ केशव बलिराम हेडगेवार
टाइप -दक्षिणपंथी स्वयंसेवक, अर्धसैनिक
कानूनी दर्जा – सक्रिय
उद्देश्य – राष्ट्रवाद
मुख्यालय – नागपुर , महाराष्ट्र , भारत
आधिकारिक भाषा – हिंदी
प्रमुख- मोहन भागवत
मिशन -“मातृभूमि के लिए नि:स्वार्थ सेवा”
वेबसाइट – www .rss .org
Image Source: https://i.ytimg.com
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आज किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा गया है। पिछले दिनों आरएसएस को विश्व का सबसे बड़ा स्वयं सेवक संघ घोषित किया गया। आरएसएस में फिल्म कलाकार से लेकर राजनीति के बड़े सक्रिय लोग भी शामिल हैं। गुजरात-नेपाल के भूकम्प से लेकर हाल ही में चेन्नई में हुई तबाही में आरएसएस ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई और राष्ट्रवादी मानवीयता का एक बड़ा उदहारण विश्व के समक्ष रखा। वर्तमान की बात करें तो आरएसएस ने भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में अपनी पहुंच बना ली है। आरएसएस का नेटवर्क अब 39 देशों में पहुंच गया है। यहां हिंदू स्वयंसेवक संघ के नाम से शाखाएं लगती हैं। आरएसएस का नेटवर्क अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिडल ईस्ट देशों में भी है।
चिन्मय-रामकृष्ण मिशन भी हैं सहयोगी-
मुंबई में आरएसएस के विदेश विंग के कॉर्डिनेटर रमेश सुब्रमण्यम ने बताया कि एचएसएस दूसरे देशों में चिन्मय और रामकृष्ण मिशन जैसी अन्य सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम करता है। रमेश ने साल 1996 से 2004 के दौरान मॉरिशस में शाखाएं स्थापित करने में काफी योगदान दिया था।
Image Source: http://i.huffpost.com/
फिनलैंड में लगती हैं ई शाखा-
उन्होंने बताया कि यहां मैदान की बजाए लोग घरों में इकट्ठा होते हैं। फिनलैंड में संघ की ई शाखा लगाई जाती हैं। इसमें वीडियो कैमरे के जरिए करीब 20 देशों के संघ से जुड़े लोग शिरकत करते हैं। जिन 39 देशों में शाखाएं लग रही हैं उनमें से पांच देश तो मिडिल ईस्ट के हैं।
आपको बता दें कि भारत के बाद नेपाल में संघ की सबसे ज्यादा शाखाएं लगती हैं। इसके बाद यूएस का नंबर आता है, जहां 146 जगहों पर संघ की शाखाएं लगती हैं। संघ का दावा है कि यूएस में तो शाखाएं बीते 25 साल से लग रही हैं। यूएस में ये शाखाएं हफ्ते में एक बार लगती हैं जबकि ब्रिटेन में दो बार। ब्रिटेन में कुल 84 जगहों पर शाखाएं लगती हैं।