जानिए मुहम्मद शाह रंगीला नामक उस बादशाह को, जो बनवाता था अपनी आपत्तिजनक तस्वीरें

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आपने बहुत से मुग़ल बादशाहों के नाम सुने होंगे पर दिल्ली के इस मुग़ल बादशाह को बहुत कम लोग जानते हैं| जो अपनी रंगीन मिजाजी के लिए बादशाह रंगीला कहलाता था। भारत में मुग़ल काल का वर्चस्व काफी लम्बे समय तक रहा है। इस समय में बहुत से मुगल बादशाहों ने अपने अपने हुनर के कारण इतिहास में काफी नाम कमाया। आज भी बहुत से बादशाह अपने इसी हुनर के कारण ही इतिहास में प्रसिद्ध हैं। जहांगीर, हुँमायू, अकबर तथा मुहम्मद शाह जफ़र इसी मुगलकाल की देन हैं और मुगलकालीन बादशाहों में प्रमुख स्थान रखते हैं|

लेकिन आज हम आपको एक ऐसे बादशाह के बारे में जानकारी दे रहें हैं जिसको लोगों ने भुला दिया या यह कहें कि इतिहासकारों ने उसको आगे आने का मौका ही नहीं दिया। मुगलिया सल्तनत के इस बादशाह का नाम ” मुहम्मद शाह रंगीला” था। असल में नाम तो मुहम्मद शाह ही था पर इनकी इश्क मिजाजी और कला के प्रेम ने मुहम्मद शाह को “रंगीला बादशाह” की उपाधि दिला दी थी। मुहम्मद शाह के नाम पर कम ही लिखा गया और जहां भी लिखा गया वहां उनको एक मजाकिया ऑब्जेक्ट के रूप में ही रखा गया। आपको जानकर हैरानी होगी की मुहम्मद शाह दिल्ली के एक ऐसे बादशाह हैं जिनके नाम पर आज भी कोई सड़क नहीं है।

मुहम्मद शाहImage Source: 

बादशाह औरंगजेब की मौत के बाद दिल्ली के हालात बहुत खराब हो चुके थे। जो कलाकार, चित्रकार या संगीतकार पहले राजमहल के साये में रहते थे और वीआईपी जीवन जीते थे, उनकी हालत औरंगजेब ने पहले ही खराब कर डाली थी।औरंगजेब की मौत के बाद जब मुहम्मद शाह दिल्ली की गाड़ी पर बैठे तो उन्होंने औरंगजेब के राज संचालन से एकदम उलट कार्य किया। मुहम्मद शाह ने सभी चित्रकारों, संगीतकारों को फिर से अपने दरबार में पनाह दी। इसके बाद मुहम्मद शाह ने अपने राजकाल का संचालन एक नए तरीके से किया।

मुहम्मद शाहImage Source: 

संगीत प्रेमी इस बादशाह के महल में रोज संगीत की महफ़िल सजती थी। मुहम्मद शाह ने करीब 30 वर्ष तक राज किया और अपना सारा समय इस प्रकार से ही मस्ती में निकाला। न कोई लड़ाई लड़ी और न ही कोई लड़ाई छेड़ी। बादशाह की सुबह घुड़दौड़ से शुरू होती थी और दोपहर तक इश्क मिजाजी और शेर शायरियों की महफिले सजती थी। शाम को संगीतकार अपने संगीत से रात्रि का स्वागत करते थे। पूरे 30 साल का मुहमद शाह का राजकाल सिर्फ मौज के जीवन में पूरा हुआ। चित्रकारों को भी बादशाह मुम्मद शाह संगीतकारों के जैसे ही तवज्जो देते थे। बादशाह चित्रकारों से अपनी तरह-तरह की तस्वीरें बनवाते थे। उस समय चित्रकारों ने बादशाह के बहुत से चित्र बनाये। यहां तक की बादशाह की यौन संबंध बनाते समय की भी तस्वीरें बनाई गई थी। आप सोच सकते हैं की मुहम्मद शाह अपने समय की मानवीय सोच से कितना आगे था। यही कारण है की मुहम्मद शाह को “रंगीला बादशाह” का दर्जा मिला हुआ है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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