चीन हमेशा नये नये अविष्कारों के लिये जाना जाता है। अभी हाल ही में आतरिंक्ष के वैज्ञानिकों ने पहली बार चूहे को विकसित करने वाले भ्रूणों को विकसित करने की घोषणा की है। जिसमें उसनें अगले हफ्ते किसी भी समय पृथ्वी पर आने वाले एक सूक्ष्म-गुरूत्वीय उपग्रह (माइक्रोगै्रविटी सैटेलाइट) पर वैज्ञानिकों ने ये भ्रूण विकसित करने की बात सामने आई है।
बताया जाता है कि 6 अप्रैल को प्रक्षेपित एसजे-10 शोध उपग्रह में एक माइक्रोवेव ओवेन के साइज वालें चैंबर में चूहे के 6,000 से ज्यादा भ्रूण विकसित कराए गए है। जिनमें से 600 भ्रूणों को ऊंची रेजोल्यूशन वाले एक कैमरे के सामने रखा गया है जिससे कि तस्वीरे ली जा सके और इन तस्वीरों को हर चार घंटे में धरती पर भेजा जा रहा है।
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बैज्ञानिकों के मतानुसार वहां से आई तस्वीरों में पाया गया है कि दो-कोशिका वाले इस चरण में भ्रूण का विकास एसजे-10 के प्रक्षेपण के करीब तीन दिन बाद हुआ। दो-कोशिका वाला यह चरण एक ऐसा शुरूआती भ्रूणीय चरण है जिसमें कोशिका के अलग-अलग होने की प्रक्रियाओं को संपन्न किया जाता है। जो पृथ्वी पर होने वाले भ्रूणीय विकास के बराबर का ही समय लेता है।