आज के समय में भूत प्रेत जैसी बातों को लोग भले ही अंधविश्वास से जोड़कर नकार दे पर कही ना कही इस तरह की होने वाली घटनाओं को विज्ञान भी नकार नहीं पाया हैं क्योंकि इन घटनाओं के कोई ठोस तर्क नहीं मिल पाये हैं जो इन कहानियों को या घटनाओं को झुठला सके। आज भी कई जगहें ऐसी है जो वीरानगी के अंधेरों में तो दबी है पर उनके बीच अजीब से हलचल महसूस होती रहती हैं जिससे ये प्रतीत होता है कि ये आहट किसी प्रकार के संकेत से हमें अपना दर्द बताने की कोशिश कर रही है । आज हम ऐसी एक घटना से आपको परिचित करा रहे है जो गुमनामी के अधेरों के बीच की एक कहानी है ।
दिल्ली के दक्षिण रिज के बीहड़ों में छुपा ‘मालचा महल’ जो कभी अपने राजसी ठाठ के साथ सजा रहता था जिसमें अवध राजवंश घराने के राजकुमार और राजकुमारी और उनकी मां ‘विलायत महल’ भी रहा करती थी जिन्होंने किसी अज्ञात कारण से 10 सितंबर 1993 को आत्महत्या कर ली थी और इनकी मौत के बाद से यह महल वीरानगी की कगार पर बढ़ने लगा।
बताया जाता है कि इस महल तक पहंचने का रास्ता सरदार पटेल मार्ग से होकर जाता है। लेकिन अब इस महल में अंदर जाने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा रही हैं चारों ओर लोहे की मजबूत ग्रिल है लेकिन हल्की आहट होते ही वहां पर मौजूद कुत्ते भौंकना शुरू कर देते हैं। इस वीरान पड़े खंडहर महल का निर्माण आज से 700 साल पूर्व फिरोज शाह तुगलक के द्वारा कराया गया था यह महल उनकी शिकारगाह था। पहाड़ों के बीच बने इस महल में करीब 10 खिड़की और दरवाज़े है पर आज बिना किसी दरवाजे के सिर्फ 3 मेहराब से टिका यह महल कुछ हद तक सलामत है। रात होते ही इस महल में सिसकियां और रोने की आवाजें गूंजने लगती है।
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ये आवाजें कुछ सालों पहले आत्महत्या कर चुकी बेगम विलायत की है। उनकी आत्महत्या से जुड़े कारण कई तरह के बताये जा रहे है। कुछ लोगों का मानना है कि वो अकेले होने के कारण काफी तनावग्रस्त थी इसलिए उन्होंने अपनी अंगूठी के हीरे को तोड़कर खा लिया था इसके बाद उनके बच्चों ने उन्हें दफना दिया था, लेकिन 1994 में खजाने को पाने के लिये उनकी कब्र को खोदकर निकाला गया। बाद में उनके बेटे ने उन्हें जला दिया और आज भी उनकी राख उस वीरान पड़े महल में एक जार में रखी हुई है जो बार बार अपनी मौजूदगी का अहसास कराती रहती है। इस समय राजकुमार व राजकुमारी कहां है उनकी हालत कैसी है इसके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर माना जाये तो दोनों उम्र इस वक्त 55 साल से ऊपर है।
दिल्ली जैसे बड़े महानगर में मौजूद इस महल की कहानी काफी रहस्य से भरी हुई है। रात के अंधेरों में गूंजती इस आवाज के पीछे का कारण आखिर क्या है। यह एक रहस्य है जो यूं ही दबा रहेगा…