वह जिस भी रास्ते से गुजर जाता था उस पर इंसान तो क्या मीलों तक इंसानों के पैरों की छाप तक मिलनी बंद हो जाती थी, वह जिस भी इलाके में जाता लोग अपने घरों और सामानों को छोड़ कर उसकी पहुंच से दूर भाग जाते थे। दौलत और पैसे के लिए वह लोगों को मारने से कभी नहीं चूकता था, आप शायद विश्वास भी नहीं कर पाएंगे की इस व्यक्ति ने अपने जीवन में 931 लोगों को मौत के घाट उतारा था। आइये आज आप को बताते हैं दुनिया के सबसे बड़े सीरियल किलर के बारे में।
पीले रुमाल से करता था क़त्ल –
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इस सियाल किलर का नाम था ठग बहराम, यह दुनिया में सबसे ज्यादा क़त्ल करने वाले लोगों में सबसे आगे माना जाता है। अपने 50 सालों के अंतराल में इसने 900 से भी ज्यादा लोगों को रुमाल के जरिये मार डाला था। अपनी 75 साल की उम्र में उसको पकड़ लिया गया था और 1840 में उसको फांसी की सजा दे दी गई थी। बहराम सिंह जिस भी रास्ते से गुजरता था उस स्थान पर लाशों के ढेर लग जाते थे, वह हमेशा पीले रुमाल से हत्या करता था उस समय में उसका इतना खौफ था की ग्वालियर और जबलपुर के रस्ते पर लोगों ने जाना बंद कर दिया था। ये लोग पीने रंग के रुमाल में सिक्के को बांध कर लोगों के गले को घोट देते थे और उनकी लाश को कुएं आदि में दफ़न कर देते थे।
खास भाषा का इस्तेमाल करते थे ठग –
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उस समय के अंग्रेज अफसरों ने इस ठग और इसके गिरहो को पकड़ने के लिए अपने गुप्तचरों को बड़ी संख्या में लगाया और उनसे पता लगा की ये लोग एक अलग भाषा का प्रयोग करते थे। वे इस भाषा को “रामोसी” कहते हैं। असल में यह एक सांकेतिक भाषा थी जिसको ठग अपना शिकार ख़त्म करते समय इस्तेमाल करते थे।
‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’-
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अंग्रेज अफसर कैप्टन स्लीमैन भी 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद इस ठग को गिरफ्तार कर पाये थे। इस महाठग बहराम का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक 1790 से 1840 के बीच बहराम सिंह ने 931 सीरियल किलिंग की थी जो की अपने में एक विश्व रिकॉर्ड है। जानकारी के लिए बता दें की 1840 में महाठग बहराम सिंह को अंग्रेज सरकार ने फांसी दे दी थी।