आपने जरूर सुना होगा कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोय। हमेशा कहा जाता है कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है। किसी विपत्ति के समय हमें बस कुछ इशारों को समझने की जरूरत होती है, जिससे अलर्ट होकर अपने आपको बचाया जा सके। कहते हैं ना कि किसी मुसीबत के आने से पहले भगवान इंसान को किसी ना किसी रूप में अलर्ट कर देते हैं। अगर इंसान ने उसे समझ लिया तो ठीक, नहीं तो जो लिखा है वो तो होना ही है। आपने भी आज तक कई ऐसे मामले सुने होंगे जिसमें अलग-अलग तरह से लोगों की जान बचाई गई हो, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि एक बंदर भी किसी को जीवनदान देने का काम कर सकता है।
इस सवाल को सुनकर आप हां भी बोल सकते हैं क्योंकि भगवान का अलर्ट तो किसी भी रूप में हो सकता है, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि एक बंदर के पेशाब ने कैसे 30 लोगों को जीवनदान देने का काम किया। दरअसल यह मामला कर्नाटक का है। जहां एक परिवार के 30 लोग धार्मिक अनुष्ठान के लिए जा रहे थे। रास्ते में वह श्रीरंगापट्टनम में कावेरी नदी के तट पर कुछ देर के लिए आम के पेड़ के नीचे जा बैठे, लेकिन किसी को भी किसी तरह की अनहोनी का आभास नहीं था। ऐसे में एक बंदर उनके लिए एक फरिश्ते के रूप में आया और उसने उन सब के ऊपर पेशाब कर दिया।
Image Source :http://www.cityseacountry.com/
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार बंदर के पेशाब करने पर परिवार के लोगों ने बंदर को बहुत कोसा और वह वहां से खड़े हो गये। वो परिवार इतने गुस्से में था कि बार-बार उस बंदर को गाली दिए जा रहा था। आपको जानकर हैरानी होगी कि बंदर की ऐसी हरकत करने के बाद इस परिवार के तो सभी लोग उस पेड़ के नीचे से उठ गये, लेकिन दूसरी साइड की तरफ बैठे तीन लोग वहां से नहीं उठे। जिसके बाद वह आम का पेड़ गिर गया और तीनों लोग उसके नीचे दब गए। पेड़ के नीचे दबने से 40 साल के एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकी दो अन्य लोग 25 साल की दक्षिणी और 10 साल का पुनुइता घायल हो गये। हालांकि ऐसा हादसा हो जाने से सभी लोग दुखी तो हुए, लेकिन उन्होंने बंदर को जितना कोसा था, उसके बाद वह उस बंदर का आभार जताने लगे। बंदर अगर ऐसा ना करता तो शायद वह भी इस पेड़ के नीचे दबे रह जाते और उनका पूरा परिवार खत्म हो जाता। उस बंदर ने इस पूरे परिवार के लोगों की जान बचाने का काम किया।