भारत-पाकिस्तान की सरहद को जोड़ती हजारों साल पुरानी हनुमान जी की यह मूर्ति

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भारत-पाकिस्तान की सरहदों को भले ही हिस्सों में बाट दिया गया हो, पर आज भी इन दो मुल्कों को जोड़ने का ऐतिहासिक गवाह बना है कराची का पंचमुखी हनुमानजी का मंदिर। पाकिस्तान के शहर में बसे इस मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। जिसका निर्माण 1882 में हुआ था। आज भी इस ऐतिहासिक मंदिर मे भगवान के दर्शन के लिए भक्‍तों की भीड़ सुबह से शाम तक लगी रहती है।

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यहां बता दें कि यह पंचमुखी मंदिर संसार के बड़े मंदिरों में से एक माना जाता है, मंदिर में विराजमान राम भक्त हनुमान के दर्शन के लिए भारत से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते है। शास्त्रों की मानें तो इस मूर्ति का इतिहास हजारों साल पूर्व त्रेता युग के समय का है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्वयं भगवान राम आए थे। जिस स्थान पर यह मंदिर बनाया गया है, उस जगह कि मुट्ठी भर मट्टी को हटाने से ही यह मूर्ति प्रकट हो गई थी।
लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर की मात्र 11 या 21 परिक्रमा लगाने से हर मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इस मंदिर के चमत्कारों को देख भारत के भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह भी यहां पर हनुमान जी के दर्शनों के लिए जा चुके हैं। इस मंदिर में पूजा करने के लिए कोई बंधन नहीं है, सभी धर्मों के लोग यहां पर आकर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करते है।

 

Pratibha Tripathi
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कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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