महाराष्ट्र के कई गांव पिछले काफी समय से सूखे की मार झेल रहे हैं। सूखे के कारण किसानों की सारी फसल बेकार हो गई और कई किसानों ने तो आत्मह्त्या तक कर ली। सूखे की ऐसी मार झेल रहे ये गांव पिछले डेढ़ महीने से पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे थे। तभी सरकार की आंखे खुली और महाराष्ट्र के कृषि मंत्री एकनाथ खड़से ने इलाके में फैले सूखे व पानी की हालात का पता लगाने का फैसला किया। वह यहां पर सूखे से होने वाले नुकसान का पता लगाने के साथ-साथ लातूर से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर बसे बेलकुंड में पुरानी पानी की टंकियों का उद्घाटन करने के लिए जाने वाले थे।
Image Source : http://i.ndtvimg.com/
लातूर से बेलकुंड जाने के लिए मंत्री जी सड़क के रास्ते का उपयोग भी कर सकते थे। इसलिए उनकी यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर का प्रबंध किया गया। इस काम के लिए इलाके में हेलीपेड का भी निर्माण करवाया गया। इस हेलीपेड को बनवाने में 10 हज़ार लीटर पानी का प्रयोग किया गया। जिस राज्य में पानी की एक-एक बूंद के लिए लोग तरस रहे हैं वहां मंत्री जी के लिए हेलीपेड बनाने में पूरे 10 हज़ार लीटर पानी बहा दिया गया।
इस पूरे मामले की एनसीपी के नेता सचिन अहिर ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस बारे में कहा कि अगर स्थिति आपातकाल की हो तो हेलीकॉप्टर से जाया जा सकता है लेकिन इस तरह बिना किसी बड़े कारण के हेलीकॉप्टर से जाना उचित नहीं है।
हालांकि इस बात के जवाब में कृषि मंत्री खड़से ने ट्वीट करके कहा है कि जिस 10,000 लीटर पानी का उपयोग किया गया वह रिसाइकल करने के बाद भी इस्तेमाल में लाने लायक नहीं था।