देखा जाये तो अपने देश के लोगों में जितनी मानवीयता है उतनी शायद ही कहीं और आपको मिल सके। फिल्म बजरंगी भाईजान में भी यही फिल्माया गया है कि भारत के इंसान की मानवीयता के आगे किसी देश की सरहद का कोई महत्व नहीं रह जाता। जैसा कि आप सब जानते हैं कि फिल्म बजरंगी भाईजान में भारत का एक बंदा मानवीयता का परिचय देते हुए पाकिस्तान की एक बच्ची को भारत से पाकिस्तान छोड़ने चला जाता है। ऐसा ही कुछ अपने देश में हुआ भी है और बच्ची को उसके घर पहुंचाने वाले बंदे को आज सब लोग असली बजरंगी भाईजान मान रहे हैं।
क्या है पूरा मामला –
असल में यह घटना है चंडीगढ़ की। चंडीगढ़ के पुलिसकर्मी रोज की तरह गश्त का लगा रहे थे तभी उनको एक बच्ची मिली, जिसकी उम्र काफी कम थी। वह अपने माता-पिता से बिछड़ गई थी और अपने घर का पता भी अच्छे से नहीं जानती थी। इलाके के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह ने बताया कि बच्ची का नाम तनवी था। वह काफी छोटी थी और अपने घर का पता भी नहीं जानती थी। इस बच्ची की हालत फिल्म बजरंगी भाईजान में खोई बच्ची “मुन्नी” की तरह ही थी।
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असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह अपनी बाइक पर पूरे दिन इस बच्ची को लेकर बाजार में घूमते रहे ताकि कहीं न कहीं बच्ची को इसके माता-पिता देख कर पहचान लें या फिर वह उनको कहीं देख कर पहचान लें। जब कहीं बात नहीं बनी तो असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह उस बच्ची को लेकर आस-पास के इलाकों में भी घूमे।
5-6 घंटे लगातार घूमने पर असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह को सफलता तब हाथ लगी जब मोहाली के स्कूल के कुछ बच्चों ने उस लड़की को पहचान लिया और उस बच्ची को उसके घर पहुंचाने में पुलिस की सहायता भी की।
बच्ची पंजाब के मोहाली में फेज 6 में बाल्मीकि कॉलोनी की रहने वाली है। बच्ची के पिता रणवीर का कहना है कि “हम लोग फेज 1 में आधार कार्ड बनवाने के लिए गए थे। वहीं से उनकी बच्ची घूमते हुए कहीं निकल गई थी और काफी ढूंढ़ने पर भी नहीं मिली। खैर बच्ची को अपने पास सुरक्षित पाकर उसके माता-पिता ने चैन की सांस ली और रियल बजरंगी भाईजान असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह को धन्यवाद दिया।