ताज के कारण कई लोग जी रहे कुंवारों की जिदंगी

-

दुनियाभर के अजूबों में ताज महल का नाम भी शामिल है। प्रेम के प्रतीक चिन्ह के रूप में पहचाने जाने वाला यह स्मारक विश्व में लोगों के लिए कोतूहल का विषय रहता है, पर एक हजार से अधिक लोग ऐसे हैं जो इसी प्रेम के प्रतीक चिन्ह के कारण आज तक कुंवारों की जिदंगी जी रहे हैं। अगर इनका रिश्ता किसी लड़की से तय भी हो जाता है तो वह ताज महल के कारण टूट जाता है।

taj1Image Source: http://cache-graphicslib.viator.com/

विश्व के सात अजूबों में शामिल ताज महल की वजह से एक हजार से ज्यादा लोग कुंवारों की जिदंगी जीने पर मजबूर हैं। विश्व में ताज महल की लोकप्रियता के चलते ही सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुरक्षा के लिए ताजमहल के पांच सौ मीटर के अंदर बिना अनुमति के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इस क्षेत्रफल में बिना इजाजत के वाहन नहीं प्रवेश कर सकते हैं। यह आदेश ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिहाज से भी दिया गया था। इस आदेश के अंतर्गत ताज महल की परिधि में पांच गांव आ गए हैं। गांव नगला पैमा, गढ़ी बंगस, नगला प्यारेलाल, नगला तलफी और अहमद बुखारी ऐसे ही गांव हैं।

taj2Image Source: http://www.india-tour.com/

इन गांवों में जाने का रास्ता ताजमहल के पूर्वी गेट के पास से ही है। इन गांवों में आने-जाने वालों को पुलिस की कड़ी तलाशी के बाद ही जाने दिया जाता है। इस कारण से अभी तक इन पांचों गांव के एक हजार से अधिक लोगों को कुंवारा ही रहना पड़ रहा है। गांव के बाहर से आने वाले लोगों को अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए डेढ़ से दो किलोमीटर पैदल चलकर आना पड़ता है। ऐसे में इन गांवों के लड़कों के साथ शादी करने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है। जो भी इन गांवों के लड़कों को शादी के लिए देखने आता है वह इतनी दूर पैदल चलकर समझ जाता है कि अगर उनकी बेटी को किसी चीज की आवश्यकता हुई तो पहले डेढ़ से दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा। वहीं, किसी की तबीयत खराब होने की स्थिति में भी एंबुलेंस इन गांवों में मुश्किल से ही पहुंच पाती है। ऐसे में इन गांवों के लड़कों से कोई शादी करने को तैयार नहीं होता, जबकि इन गांवों की लड़कियों की शादी भी गांव से बाहर ही सामूहिक विवाह का आयोजन कर की जाती है।

taj3Image Source: http://www.india-tour.com/

इन गांवों तक पहुंचने के मुश्किल रास्तों के कारण करीब दो सौ लड़कियों की शादी में बहुत देरी हुई। हालत यह है कि इन गांवों के लोग तो शादी की समस्या के कारण गांव को छोड़कर बाहर जाने लगे हैं। वहीं, ग्रामीणों की ओर से इस समस्या को लिखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी भेजा जा चुका है। इस तरह के मामलों के जानकारों का कहना है कि इस समस्या का हल सुप्रीम कोर्ट से ही निकल सकता है।

vikas Arya
vikas Aryahttp://wahgazab.com
समाचार पत्र पंजाब केसरी में पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। कई वर्षो से पत्रकारिता जगत में सामाजिक कुरीतियों और देश दुनिया के मुख्य विषयों पर लेखों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं। अब मेरा प्रयास है कि मैं ऑनलाइन मीडिया पर भी अपने लेखों से लोगों में नई सोच और नई चेतना का संचार कर सकूं।

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments