आज भी बहुत से गांव के लोग नदियों से पानी भर कर ही अपनी प्यास बुझाते हैं, इसी बीच हम आपको भारत के एक ऐसे गांव के बारे में बता रहें हैं जहां लोग मगरमच्छों से लड़कर अपनी जरूरतों के लिए पानी को नदी से भरते हैं। जी हां, आपको शायद यह खबर जानकर हैरानी होगी, पर असल में यह बात सही है। आज के समय में भी अपने देश के बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहां पानी के साधन लोगों के लिए पर्याप्त अवस्था में नहीं हैं। ऐसे में लोग गांव के आसपास की नदी से ही पानी भरते हैं और अपना जीवन चलाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बता रहें हैं। इस गांव के लोग अपनी जान की कीमत पर पानी को नदी से निकाल कर घर लाते हैं। इन गावों के नाम “दलारना, ईचनाखेड़ली और मलारना” हैं। ये गांव मध्य प्रदेश के श्योपुर तहसील के अंतर्गत आते हैं। आपको बता दें कि इन गावों के पास में ही पार्वती नदी है और सुबह 8 बझते ही इन गावों के लोग पार्वती नदी में पानी भरने के लिए जाते हैं। पानी के लिए जाते समय ये लोग अपने साथ में कुल्हाड़ी तथा लाठी डंडे ले जाते हैं। ये लोग जब नदी किनारे पहुंचते हैं, तब नदी के पानी में लाठी डंडों से काफी हलचल करते हैं। असल में नदी में काफी सारे मगरमच्छ रहते हैं। ये मगरमच्छ कभी भी नदी से पानी भरने के लिए आने वाले लोगों पर हमला कर देते हैं। तो ऐसे में गांव के लोग पानी भरने से पहले नदी में हलचल करते हैं जिससे मगरमच्छ दूर भाग जाते हैं, तब जाकर ये लोग पानी भरते हैं और घर ले जाते हैं।
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आपको हम बता दें कि जिन गावों के नाम आपको ऊपर बताए गए हैं उन गावों में कुएं तथा हैंडपंप आदि साधन तो हैं, पर उनसे जो पानी आता है वह खारा आता है, इसलिए लोग गांव से एक किमी दूर पार्वती नदी पर ही निर्भर हैं। मगरमच्छों की बात जब घड़ियाल सेंक्चुरी वालों को पता लगी, तो उन्होंने गांव के लोगों से कह दिया कि वे नदी में न जाएं। अब गांव वाले लोग कहते हैं कि जब गांव में मीठा पानी नहीं है तब वहां जाना हमारी मजबूरी है। लोगों का कहना है कि कई नेताओं ने यहां पाइप लाइन बिछवाने को कहा था, पर अब तक कोई काम नहीं हुआ है। इस प्रकार से देखा जाए तो ये लोग रोजाना मगरमच्छों से लड़ाई करके ही पानी अपने घर ला पाते हैं।