भारत में बीस वर्षों के बाद बन कर तैयार हुई सब मरीन कलावरी को समंदर में उतारा गया। इससे भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। समंदर में जहां पड़ोसी देश अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है, वहीं भारत में बनीं यह सब मरीन दुनिया की ताकतवर सब मरीनों में से एक है।
भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हो गया है। नौसेना के बेड़ों में अब स्कॉरपियन क्लास की उन्नत तकनीकि से लैस सब मरीन को शामिल किया गया है।
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मुम्बई के मझगांव डॉक में इस सब मरीन को तैयार किया गया है। देश के दुश्मनों को अब भारत के इस कदम से संभलना होगा। समंदर में इसकी मौजूदगी दुश्मनों के लिए खतरे की बड़ी वजह है। इस सब मरीन की खासियत यह है कि इस पर सोनार रडार होने के कारण यह दुश्मनों द्वारा नजर नहीं आती। आसानी से यह गहरे समंदर में ही दुश्मनों के जहाज और उनके युद्धपोत को मार गिराने में सक्षम है।
नौसेना के पास अब तक जितनी पनडुब्बियां हैं उनकी लाइफ ज्यादा नहीं बची है। ऐसे में स्कॉरपियन क्लास की इस सब मरीन का नेवी में शामिल होना किसी गर्व से कम नहीं।
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मुम्बई के मझगांव डॉक के सीएमडी आरके शरावत के अनुसार इस सब मरीन की खास बात यह है कि यह समंदर में शांत रहकर काम करती है। इसका सोनार रडार ऐसा है कि यह सबमरीन दुश्मनों को नजर ही नहीं आती। सब मरीन कलावरी 40 से 50 दिनों तक लगातार समंदर के पानी में रह सकती है। इसकी लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार है। भारत पहले भी दो सब मरीन बना चुका है। नौ सालों की कड़ी मेहनत के बाद इसका निर्माण किया गया। इसमें फ्रांस की तकनीकि का इस्तेमाल किया गया है।