मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने रमजान शरीफ की फजीलत पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि 1979 के बाद इस बार तकरीबन 16 घण्टे का सबसे लम्बा रोजा होगा। 36 साल के बाद 23 जून को सबसे लम्बा रोजा होगा। मुफ्ती साजिद हसनी ने बताया कि इस बार 16 घण्टे के करीब रोजा होगा और चिलचिलाती धूप, उसम भरी गर्मी में रोजादारों को प्यास की शिद्दत भी होगी पर रोजदार फिर भी रोजा किसी हालत में नहीं छोड़ें, रोजदार पांच वक्त की नमाज पढ़ें, कुरान पाक की तिलावत करें, रोजे का पूरा दिन अल्लाह और उसके रसूल की याद में गुजारें तो रोजदार को भूख प्यास का एहसास भी नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पहला रोजा की सहरी 3.34 मिनट इफ्तार शाम 7.09 मिनट पर होगा और सबसे लम्बा 17वां रोजा (23जून) को 15 घण्टा 45 मिनट का होगा । सहरी 3.33 इफ्तार 7.15 पर होगा।
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मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने आगे रमजान शरीफ की फजीलत के बारे में बताते हुए कहा की रमजान शरीफ में जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते हैं और दौजख (जहन्नुम) के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं। शैतान को भी पूरे माह कैद कर दिया जाता है। रमजान के महीने में एक नेकी करने के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है। सभी मुसलमानों पर रोजा रखना फर्ज है। जान बूझकर एक रोजा छोड़ने के बदले 60 रोजे लगातार रखना होंगे। यदि उस व्यक्ति में रोजा रखने की ताकत नहीं है तो वह 60 दिन तक गरीब व मिसकीन को भरपेट खाना खिलवाए जो लोग जानबूझकर रोजा नहीं रखते हैं तो वे लोग सख्त गुनाहगार होंगे।
कुछ जरुरी हिदायतें –
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मुफ्ती साजिद हसनी कादरी ने रमजान के लिए कुछ जरुरी हिदायतों को बताते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति सख्त बीमार हैं तो रोजे की हालत में इंजेक्शन लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा। ऐसे ही सर में तेल डालने से, सुर्मा लगाने से रोजा नहीं टूटता है परन्तु यदि टूथपेस्ट और मंजन के बारीक हिस्से भी गले में उतर जाएं तो रोजा टूट जाएगा इसलिये यह सब जिसमें टेस्ट (मजा) हो, रोजे की हालत में इसका प्रयोग करना मना है। मुफ्ती साजिद हसनी ने आला हजरत की तहरीरकर्ता किताब फतावए रजविया के हिवाले से बताया कि खैनी, तंबाकू और गुल करने से रोजा टूट जाता है। रोजे को किसी भी हालत में नहीं छोड़ना चाहिए। पांचों वक्त की नमाज पाबंदी से पढ़ना चाहिए क्योंकि नमाज तमाम बुरी बातों से रोकती है।