अपने देश में देवी मां के बहुत से मंदिर हैं, मगर आज हम जिस मंदिर से आपको रूबरू करा रहें हैं। वह अपने आप में दिव्य तथा चमत्कारी है। इस मंदिर में लोग अपनी आखों से चमत्कार को घटता देखते हैं। यही कारण है कि आज भी बहुत लोग यहां आकर देवी का आर्शिवाद प्राप्त करते है। यहां पर होने वाले चमत्कार ही इन मंदिरों में लोगों की आस्था को बनाएं रखते हैं। आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बता रहें हैं वह एक देवी मंदिर हैं। यह मंदिर अपने आप में एक रहस्य है। दरअसल यह मंदिर एक विशाल नदी के बीच है और जब बरसात के मौसम में नदी अपने उफान पर होती है तब भी यह मंदिर नदी के जल में नहीं डूब पाता है। इस मंदिर का नाम नाथल देवी मंदिर है और यह आज भी लोगों की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं इस मंदिर के बारे में।
छत्तीसगढ़ में स्थित है यह मंदिर
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नाथल देवी मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले चंद्रपुर नगर में स्थित है। यह एक देवी मंदिर हैं और बहुत बड़ी संख्या में लोग इस पर श्रद्धा रखते हैं। इस मंदिर का निर्माण प्राचीनकाल में एक राजा ने कराया था। यह मंदिर चंद्रपुर क्षेत्र से निकलने वाली महानदी के बीच में बना हुआ है। आपको बता दें कि महानदी छत्तीसगढ़ की प्रमुख विशाल नदियों में से एक है। जब बरसात का मौसम आता है तो यह नदी अपने उफान पर होती है तथा आसपास के सारे क्षेत्र को डूबा डालती है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इतना होने के बाद भी यह मंदिर आज तक कभी पानी में नही डूबा है और न ही इसमें कोई दरार आई है। बाढ़ के समय नदी के पानी की एक बूंद भी मंदिर में प्रवेश नही करती है।
क्यों नही जाता बाढ़ का जल मंदिर में
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बाढ़ का जल आजतक कभी मंदिर के अंदर नही गया है। इस प्रकार से भयंकर बाढ़ में भी मंदिर अंदर से साफ सुथरा बना रहता है। इसके पीछे एक लोक कथा को चंद्रपुर बताते हैं। उनके अनुसार नाथल देवी असल में चंद्रहास्नी देवी की छोटी बहन हैं। मंदिर निर्माण के बाद जब पहली बार बाढ़ का जल मंदिर परिसर में घुस आया था तो नाथल देवी ने चंद्रहास्नी देवी को सहायता के लिए पुकारा था। तब से लेकर आजतक इस मंदिर के अंदर पानी नही जा पाया। भले ही कितनी भी बाढ़ क्यों न आई हो। इस प्रकार से नाथल देवी मंदिर में लोग बरसात के दिनों में इस चमत्कार को अपनी खुली आंखों से देखते हैं।