अगर महिलाओं में कुछ कर गुजरने का ज़ज्बा हो तो वो क्या नहीं कर सकतीं। ये साबित किया है सिर्फ 8वीं पास एक ऐसी महिला ने, जिसने अपनी ज़िदगी के कई साल घर के कामों में ही रहकर बिता दिए। इसके बाद अचानक किसी राज्य की मुख्यमंत्री बन उसकी बागडोर अपने हाथों ले लें तो इस पर आप क्या कहेंगे… जी हां इसी तरह की एक ऐसी अनूठी मिसाल बना पटना। 25 जुलाई 1997 का वो दिन राबड़ी के लिए नई किस्मत लेकर आया जब वो घर की चारदीवारी से निकल कर बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बन गईं। जिसकी खबर पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक में भी फैल गई।
वैसे कहा जाये तो राबड़ी को मुख्यमंत्री बनाने का श्रेय पूरा लालू यादव जी को जाता है। जो उस वक्त चारा घोटाले में फंसने के बाद अपनी इस कुर्सी को गंवा बैठे थे। चलिये आज हम आपको बताते हैं राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री बनने के सफर की कुछ खास बातें…
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1. स्वतंत्र भारत में बिहार प्रान्त की पहली महिला मुख्यमंत्री के पद पर काम करने वाली राबड़ी देवी का जन्म 1959 में गोपालगंज में हुआ था।
2. 14 साल की उम्र में ही इनका विवाह लालू यादव के साथ हो गया।
3. 25 जुलाई 1997 को बिहार की मुख्यमंत्री के पद के रूप में उन्होंने उस समय काम किया जब चारा घोटाले में पड़े लालू प्रसाद यादव को जेल जाना पड़ा था। उस वक्त राबड़ी देवी ने तीन कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री का पद संभाला था।
4. इस दौरान राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री रहने पर दफ्तर न जाने का और विधानसभा में किये गये सवालों का जवाब न देने के आरोप लगते रहे हैं।
5. बिहार में कुछ ऐसे राजनीती दिग्गज हैं, जो बिना किसी रूकावट के 5 साल तक अपना कार्यकाल पूरा करने में कामयाब हुए हैं। इनमें नीतीश कुमार, लालू यादव और कृष्णा सिन्हा के साथ राबड़ी देवी का नाम भी शामिल है।