जानें आखिर मौत के बाद कैसे एक 19 साल का लड़का बन गया 36 वर्षीय व्यक्ति

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क्या कोई 19 वर्ष का लड़का अचानक ही 36 वर्ष हो सकता है और वह भी अपनी मौत के बाद, जानिए हालही में देश में घटी इस घटना के बारे में, जिसको जानकर लोग भी हैरान रह गए। आप भी जब इस खबर को पढ़ेंगे तो दंग रह जायेंगे। यह खबर हमारे देश के अस्पतालों की वस्था पर सवाल खड़े करती है। अपने देश के लोगों में चीजों को बदलने में बहुत रस आता है।

आप ने देखा ही होगा कि अक्सर मंदिर के बाहर लोग अपनी चप्पलें बदल लेते हैं और इसी तरह कई बार लोग अस्पतालों में चोरी से बच्चे तक बदल लेते हैं। मगर आज जिस घटना के बारे में हम आपको बता रहें हैं वह भी ऐसी ही अदला बदली के खेल से जुड़ी है। यह घटना है लाश की अदला बदली की। जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि अब अपने देश के अस्पतालों में लाशों की अदला बदली भी की जा रही है। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं इस घटना के बारे में।

मौत के बाद अचानक बड़ा हो गया लड़का

मौतImage Source: 

यह घटना मध्य प्रदेश के भिंड क्षेत्र से सामने आई है। घटना एक युवक से जुड़ी है, जिसकी मृत्यु हो चुकी थी। इस युवक के परिजन मृत लड़के के अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर चुके थे। मृत युवक का नाम पवन कुमार था और उसकी उम्र महज 19 वर्ष थी। अंतिम संस्कार से पहले जब परिजनों ने अंतिम बार बेटे पवन का चेहरा देखना चाहा तो सभी हैरान रह गए। असल में वह उनका बेटा पवन था ही नहीं बल्कि कोई और था जिसकी उम्र पवन से ज्यादा थी। इस दृश्य को देख कर घर वालों को एक झटका लगा और उनको आशा की एक किरण दिखाई दी कि शायद उनका बेटा पवन मरा ही नहीं है, पर कुछ लोगों ने बताया की शायद गलती से लाशें बदली गई हैं। इसके बाद वह लोग इस लाश को लेकर जिला अस्पताल में पहुचें तब वहां यही बात पता लगी की पोस्टमार्टम हाउस में कर्मचारियों की मदद से लाशें गलती से बदल गई थीं।

इस प्रकार घटी थी यह घटना

मौतImage Source: 

19 वर्ष का पवन अपनी लाश की अदला बदली से 36 वर्ष का विशंभर बन चुका था। पवन के घर वालों को इस बात पर बहुत गुस्सा आया। हालांकि कुछ देर बाद उनको अपने बेटे की लाश मिल गई। असल में हुआ यह था कि पवन की मौत आत्महत्या के चलते हुई थी। इसी तरह एक अन्य युवक की मौत भी आत्महत्या के कारण हुई थी। इन दोनों की लाशें पोस्टमार्टम में एक साथ आई थी इसलिए कर्मचारियों की गलती से बदल गई। खैर पवन के घर वालों को उसकी लाश मिल गई, पर सवाल यह है कि अस्पताल की यह व्यवस्था आखिर कब तक सुधरेगी और आखिर कब तक लोग इस प्रकार से अपने मृत लोगों की लाशों को खोते रहेंगे।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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