आपने सड़को पर घूमते समय या मन्दिरों के बाहर अक्सर भिखारियों को बैठे देखा होगा, पर यकीन मानिए ये सभी भिखारी गरीब है ये समझने की गलती कभी मत किजिएगा। आज हम आपको एक लखपति भिखारी के बारे में बताने जा रहें है। इस व्यक्ति को देख कर आप इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि यह प्रतिवर्ष लाखों की कमाई करता है। सुबह से शाम तक भीख मांगने वाले इस भिखारी के पास न सिर्फ कई साइड बिजनेस हैं बल्कि तीन तीन पत्नियां भी हैं। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं इसके बारे में।
झारखण्ड का है यह अमीर भिखारी
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झारखण्ड के चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पर यह भिखारी प्रतिदिन भीख मांगता है, पर इसकी इनकम के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इस भिखारी का नाम “छोटू बारिक” है। कई लोग इसको लखपति भिखारी के नाम से भी जानते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि छोटू न सिर्फ भीख मांग कर रोज मोटी रकम जोड़ लेता है बल्कि उसका बर्तन का साइड बिजनेस भी है। इसके अलावा वह मार्केटिंग चेन कंपनी वेस्टिज का भी मेंबर है। आपको बता दें कि छोटू की दुकान सिमडेगा क्षेत्र में है और वह कोट पेंट पहनकर कंपनी की मीटिंग में हिस्सा भी लेता है। छोटू वैसे तो पैरों से दिव्यांग है पर इसके बावजूद उसकी एक या दो नहीं बल्कि तीन- तीन पत्नियां हैं। ये सभी उसकी बर्तन की दूकान चलाती हैं।
तीन लाख से ज्यादा कमाता है यह भिखारी
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लखपति भिखारी छोटू बताता है कि वह आय के सभी स्त्रोतो से साल भर में करीब साढ़े तीन लाख रुपये कमा लेता है। बर्तन की दुकान उसकी तीनों पत्नियां चलाती हैं और उससे घर का सारा खर्च आसानी से चल जाता है। इसके अलावा छोटू कहता है कि वह प्रतिदिन हजार से बारह सौ रुपये भीख में मांग लेता हैं। इस प्रकार से 30 हजार से ऊपर की आमदनी सिर्फ भीख से हो जाती है। मार्केटिंग चेन कंपनी वेस्ट्रिज में उसके नीचे करीब 20 लोग जुड़े हुए हैं इससे भी उसको अच्छा कमीशन मिलता है।