आज हम आपको बता रहें हैं अपने देश के एक ऐसे गांव के बारे में जहां पर कोई भी व्यक्ति सांप के काटने से नहीं मरता है। यहां के लोग और बच्चे तक कोबरा जैसे खतरनाक सांपों से खेलते हैं। यह गांव है अपने देश के बिहार प्रदेश में और यह गांव बिहार के समस्तीपुर से 23 किमी दूर स्थित है। इस गांव का नाम है सिंधिया घाट। यहां के लोग सांपों से नहीं डरते हैं बल्कि उनको पकड़ कर अपने घरों में अन्य वस्तुओं की तरह रख लेते हैं। जिन जहरीले सांपों का नाम सुनकर सामान्य व्यक्ति डर जाते हैं, उन सांपों से यहां के बच्चे खेलते नजर आते हैं। कई बार ऐसे बच्चों को सांप काट भी लेते हैं परंतु सांप के काटे का यहां के किसी व्यक्ति पर कोई असर नहीं होता है। यहां के लोगों की इस बारे में ऐसी मान्यता है कि माता भगवती के आशीर्वाद के फलस्वरूप ऐसा होता है।
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इस गांव में नाग पंचमी का पर्व भी काफी धूमधाम से मनाया जाता है और बहुत से लोग इस उत्सव को देखने के लिए बाहर से भी आते हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा होती है, जिसकों गांव के सारे लोग करते हैं और इस पूजा के बाद में परंपरा के अनुसार गांव के सभी लोग दही के साथ में नीम का पत्ता खाते हैं। पूजा पूरी होने के बाद में सांपों का एक मेला भी इस गांव में लगता है। जिसमें गांव के लोग खुद के द्वारा पकडे गए सांपों को इस मेले में लाते हैं और करतब दिखाते हैं। इस मौके पर बहुत से लोग नाग देवता से मन्नत भी मांगते है तो कुछ अपनी मन्नत पूरी होने पर मंदिर में प्रसाद चढ़ाते हैं।