पुनर्जन्म एक ऐसा शब्द है जिस पर बहुत से लोग सकारात्मक जवाब देंगे और बहुत से लोग अपनी मान्यताओं के अनुसार इसको नहीं मानते हैं पर सवाल यह नहीं है कि पुनर्जन्म होता है या नहीं असल सवाल यह है कि पुनर्जन्म जैसी घटनाएं पुराने समय से ही आखिर किस प्रकार से प्रकाश में आ रही है, आखिर पुनर्जन्म के दावे करने वाले लोग किस प्रकार प्राचीन काल से सामने आते रहें हैं। इन प्रकार के इतने मामले सामने आ चुके हैं कि पुनर्जन्म की घटना से इंकार करना अब मुश्किल ही हो गया है, खैर हालही में एक और ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक पत्रकार ने अपनी मृत्यु के करीब अपने पुनर्जन्म को देखा है। आइये जानते हैं इस पत्रकार और इसके अनुभव के बारे में।
विल ग्लेननोन बीबीसी में एक एंकर हैं और इनके साथ में एक दुर्घटना घट गई। जिसके कारण ये काफी समय तक कोमा में भी रहें, असल में विल साइकिलिंग कर रहे थे और 40 मील/घंटे की रफ़्तार से वह साईकिल चला रहें थे पर अचानक उस समय ये एक पहाड़ी से नीचे की और गिर गए जिसके कारण इनके शरीर की कई हड्डियां टूट गई और इनके सिर पर गहरी चोट आई और विल काफी समय कोमा में भी रहें।
विल ग्लेननोन जब होश में आये तो उनको अपने पत्रकार होने और अपने साईकिल वाले हादसे के बारे में कुछ भी याद नहीं था, डॉक्टर ने उनसे 3 सवाल पूछे –
- तुम कहां हो ?
- तुम क्या करते हो ?
- ये कौन सा साल है ?
इन सवालो के जवाब जब विल ग्लेननोन ने दिए तो उनके पास खड़े लोग सहित उनके परिवार के व्यक्ति भी चकित हो गए। जवाब में विल ग्लेननोन ने कहा की –
Image Source:
- मैं अमेरिका में हूं।
- मैं एक रेसिंग कार ड्राइवर हूं।
- ये 1952 है।
Image Source:
शायद उनके दिमाग पर लगी चोट के कारण उनको कुछ याद नहीं रहा होगा पर सवाल यह है कि उनको 1952 के हादसे के बारे में कैसे पता लगा। यहां हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि 1940 से 50 के मध्य में अमेरिका में स्ट्रीट कार रेसिंग हुई थी जिसमें कई ड्राइवरों की जान चली गई थी, कहीं ऐसा तो नहीं की विल ग्लेननोन उस समय के कोई ड्राइवर रहें हो और यह उनका पुनर्जन्म हो। 1950 में हुआ रेसिंग कर का यह हादसा काफी भयंकर था। इसमें एक 7 साल के बच्चे की जान भी अन्य लोगों के साथ में चली गई थी, तो क्या ऐसा माना जा सकता है विल ग्लेननोन को अपने साईकिल हादसे के बाद में अपने पीछे जन्म की याद आ गई थी। ऐसे कई सवाल हैं जो हमारे मन में भी कौंधते हैं पर वर्तमान में विल ग्लेननोन की हालात में सुधर होता जा रहा है अच्छा है कि वह जल्दी ही सही हो जाएं।