जाखू हनुमान मंदिर – इस मंदिर में मौजूद हैं महावीर हनुमान के पद चिंह

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आपने भगवान हनुमान के बहुत से मंदिर देखें होंगे, पर क्या आप उस मंदिर के बारे में जानते हैं जहां उनके चरण चिंह आज भी मौजूद हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहें हैं। आपको बता दें कि यह मंदिर हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं। हिमाचल की धरती को पूर्वकाल से ही देव भूमि कहा जाता है ,मान्यता है कि यहां के क्षेत्र के साथ देवताओं का प्राचीन संबंध रहा है। यहां पर अनेक देवी देवताओं के बहुत से प्राचीन तथा नवीन मंदिर हैं जो लोगों की आस्था का केंद्र माने जाते हैं। हिमाचल के ही शिमला में भगवान हनुमान का एक प्राचीन मंदिर है। जहां उनके चरण चिंह आज भी मौजूद हैं। आइये अब आपको इस मंदिर के बारे में विस्तार से बताते हैं।

शिमला के जाखू में है यह मंदिर  

शिमला के जाखू में है यह मंदिर  Image source:

यह मंदिर शिमला के जाखू क्षेत्र में मौजूद है। मान्यता है कि इस स्थान पर भगवान हनुमान त्रेतायुग में खुद ही प्रकट हुए थे। इस मंदिर को यक्ष नामक एक ऋषि ने निर्मित किया था। समय के साथ साथ यक्ष शब्द याक शब्द में परिवर्तित हो गया। इसके बाद इस याक शब्द को याकू शब्द में बदला गया तथा वर्तमान में इस मंदिर को जाखू हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है।

रामायण काल से जुड़ा है इतिहास

रामायण काल से जुड़ा है इतिहासImage source:

इस मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है। बात उस समय की जब भगवान हनुमान लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे। तब यहां पर तपस्या कर रहें ऋषि यक्ष पर उनकी नजर पड़ी थी। इसके बाद उन्होंने ऋषि यक्ष से संजीवन बूटी के बारे में जानकारी ली तथा आते समय उनको दर्शन देने का वचन देकर चले गए। इसके बाद उन्होंने कालनेमि राक्षस का वध किया और इस कारण भगवान हनुमान को देर हो गई थी। इस दौरान वे ऋषि यक्ष से आते समय नहीं मिल पाए थे। इसके बाद उन्होंने एक प्रतिमा के रूप में ऋषि यक्ष को दर्शन देकर अपना वचन पूरा किया था। प्रतिमा रूप में भगवान हनुमान इस स्थान पर ही अवतरित हुए थे। जहां आज यह जाखू हनुमान मंदिर है। यहां पर महावीर हनुमान के पद चिंह अंकित है, जो अब संगमरमर से बना दिए गए हैं। आप कभी भी शिमला जाएं तो जाखू हनुमान मंदिर जरूर जाएं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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