आईएसआईएस के स्पोक्सपर्सन अबु मोहम्मद अल-अदनानी ने मंगलवार को अल-कुरैशी के मारे जाने की खबर को पुख्ता किया है। इससे पहले अमेरिका पिछले कुछ महीनों से कुरैशी के मारे जाने की बात करता रहा है। लेकिन इसकी पुष्टी नहीं हुई थी। एक जिहादी वेबसाइट पर पोस्ट ऑडियो क्लिप में अदनानी ने कहा, “अमेरिका कुरैशी को मारकर खुश हो रहा है और इसे अपनी बड़ी जीत समझ रहा है। लेकिन हम कुरैशी की मौत से दुखी नहीं हैं। उसकी ख्वाहिश अल्लाह के नाम पर मर जाने की थी।
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आतंकी संगठन आईएसआईएस में आतंकी अबु मुमताज अल-कुरैशी का अव्वल दर्जे का स्थान था। सिक्योरिटी काउन्सिल के मुताबिक, कुरैशी आईएसआईएस का चीफ अबु बक्र अल-बगदादी का सीनियर डिप्टी था। अपनी क्लिप में अदनानी ने ये साफ तौर पर कहा है कि कुरैशी अपने पीछे कई हीरो दे कर गया है। अल्लाह उन पर रहम करे और वह अमेरिका को नुकसान पहुंचाए। लेकिन कुरैशी की मौत कैसे हुई इस बारे में उसने कुछ नहीं कहा है।
अल कुरैशी की मौत 18 अगस्त को नॉदर्न इराक के मोसुल में हवाई हमले में हुई थी। ये हमला एक गाड़ी को निशाना बना कर किया गया था। इसमें आईएस मीडिया ऑपरेटिव अबु अब्दुल्ला भी मारा गया था। इराक और सीरिया के एक बड़े हिस्से पर आईएसआईएस का कब्जा हो रखा है। इस इलाके को वह इस्लामिक स्टेट (IS) कहता है। आईएस चीफ बगदादी खुद को खलीफा और दुनियाभर के मुसलमानों का नेता बताता है।
अमेरिका ने कुरैशी के मारे जाने की घोषणा 22 अगस्त को ही कर दी थी। अमेरिका के मुताबिक उसका असली नाम फदहिल अहमद हयाली था। कुरैशी को इराक में आईएसआईएल (बाद में आईएसआईएस) का इंचार्ज बनाया गया था। यहां वह बीते दो साल से प्लानिंग ऑपरेशन में था। वह अल-कायदा का मेंबर भी रह चुका था। कुरैशी का काम इराक और सीरिया में आतंकियों को व्हीकल, बम, गन्स और भारी हथियार मुहैया कराने का था।