सन् 1952 में भारत के पहले मिस्टर यूनिवर्स बनने वाले मनोहर ऐच का 104 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया। उनका निधन कोलकाता स्थित उनके निवास स्थान पर हुआ। सूत्रों की मानें तो उनकी तबीयत काफी लंबे समय से खराब थी। दस, पंद्रह दिनों से वह सिर्फ तरल भोजन पर ही जी रहे थे।
बीमारी के कारण उनका बातचीत करना भी बंद हो गया था, जिसके बाद रविवार को सुबह 3 बजकर 50 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। ऐच के निधन की खबर पर कोलकाता की सीएम ममता बनर्जी के अलावा खेल जगत से कई नामी हस्तियों ने शोक जताया है।
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आर मार्टिन नाम के एक ब्रितानी अधिकारी के प्रोत्साहन पर ऐच ने बॉडी बिल्डिंग करनी शुरू की थी, जिसके बाद साल 1950 में उन्होंने मिस्टर हरक्यूलस नाम की एक प्रतियोगिता में भाग लिया और उसके विजेता भी बने। इसके बाद साल 1951 में उन्होंने मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में भाग लिया, लेकिन इस प्रतियोगिता में वह दूसरे नंबर पर आए। साल 1952 में जब उन्होंने एक बार फिर मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में भाग लिया तो इस बार वह इस खिताब को हासिल कर भारत के पहले मिस्टर यूनिवर्स बनकर सामने आए।
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ऐच के बेटे खोकन ने बताया कि वह हमेशा इस बात को कहते रहते थे कि कभी भी व्यायाम करना नहीं छोड़ना चाहिए। बता दें कि ऐच का कद चार फिट 11 इंच था, उनके कद के कारण लंदन के लोगों ने उन्हें ”पाकेट हरक्यूलस” नाम दे दिया था। ऐच ने अपना पैर राजनीति में भी जमाया और 1991 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और 1.63 लाख वोट पाकर वह तीसरे स्थान पर रहे थे।